माले महाधिवेशन: फ़ासीवाद विरोधी और राष्ट्रीय परिस्थिति पर मसौदा प्रस्ताव पारित, अरुंधति ने किया प्रतिनिधियों को संबोधित 

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पटना। भाकपा माले के 11वें पार्टी महाधिवेशन के आज दूसरे दिन फासीवाद विरोधी और राष्ट्रीय परिस्थितियों के मसौदा प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार और बहस-मुबाहिसे के बाद प्रतिनिधियों ने दोनों प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। कुल 36 प्रतिनिधियों ने  मसौदा प्रस्तावों पर हुई बहस में हिस्सा लिया। माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सदन की ओर से आए सुझावों के आलोक में अपना कन्क्लुडिंग वक्तव्य दिया। भारतीय इतिहास के इस मोड़ पर भाकपा-माले महाधिवेशन ने फासीवाद को आम लोगों और लोकतंत्र के लिए मुख्य खतरे के रूप में चिन्हित किया है।

अरूंधति रॉय का वक्तव्य

11 वें महाधिवेशन के दूसरे दिन आज प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय ने फासीवाद-विरोधी संघर्षों और भाकपा-माले के पार्टी कांग्रेस के प्रति एकजुटता प्रकट की। उन्होंने कहा कि फासीवाद का विरोध करने के लिए जाति-विरोधी और पूंजीवाद-विरोधी संघर्षों को साथ आना होगा। उन्होंने फासीवाद विरोधी विपक्ष बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक समूहों के एक साथ आने का स्वागत किया। 

उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश को चार लोग चला रहे हैं, दो खरीदते हैं, दो बेचते हैं और ये चारों गुजराती हैं। 5 फीसदी लोग देश की 60 फीसदी संपत्ति के मालिक हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसानों से जमीन छीनने के लिए बने कृषि कानूनों के आने के पहले ही अडानी का गोदाम बन गया था। पहले मोदी अडानी के प्लेन से दिल्ली आते थे और आज अडानी मोदी के प्लेन से आते-जाते हैं। उन्होंने बीबीसी के दफ्तर पर पड़े छापों की चर्चा की.। कहा कि इस पर अमेरिका और इंग्लैंड दोनों चुप हैं। अडानी पर छापे नहीं पड़े लेकिन बीबीसी पर छापा पड़ रहा है क्योंकि गुजरात जनसंहार 2002 के सच को उसने एक बार फिर से उजागर किया है। 

अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता सत्र

अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता सत्र में, वेनेजुएला, नेपाल, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, फिलीस्तीन और बांग्लादेश के विभिन्न बिरादराना संगठनों ने भारत में चल रहे लोगों के संघर्षों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की और न्यायपूर्ण और लोकतांत्रिक दुनिया के निर्माण में अपना सहयोग व समर्थन व्यक्त किया।

यूक्रेनी अंतरराष्ट्रीय एकजुटता के सदस्य, सोत्सियाल्नी रुख ने उल्लेख किया कि वे पुतिन के नेतृत्व वाले ‘ग्रेट रशियन चैविनिज्म’ का विरोध करते हैं, जो यूक्रेन की संप्रभुता बढ़ाने की लेनिनवादी उसूलों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि एक बेहतर दुनिया और शोषण से मुक्त यूक्रेन के लिए पूंजीवाद-विरोधी संघर्ष उतने ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े होने के लिए भाकपा-माले का धन्यवाद किया।

नेपाल के सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के झाला नाथ खनाल ने कहा कि 1970 के दशक से नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टियों और भाकपा-माले के बीच संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। कॉमरेड विनोद मिश्र ने नेपाल में संघर्षों को प्रेरित और निर्देशित किया, और उनमें भाग भी लिया। उन्होंने कहा कि नेपाल बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां भले ही कम्युनिस्ट पार्टियां एकजुट होकर चुनाव जीतने में सफल रही हैं, लेकिन दक्षिणपंथी तत्व समाज में घुसकर राजशाही को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम नेपाल में संसद के भीतर और बाहर एक बहुआयामी वर्ग संघर्ष शुरू कर रहे हैं। दक्षिणपंथी तत्वों को हराने के लिए  नेपाल में वाम सरकार और वामपंथी एकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला (पीएसयूवी) के रेमन ऑगस्टो लोबो ने अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि कमांडर ह्यूगो शावेज की भूमि से सभी प्रकार के उत्पीड़न के खात्मे और सबके विकास के लिए हम लोगों की एकता को बढ़ावा तथा शांति और न्याय की गारंटी देने वाली बहुध्रुवीय दुनिया के निर्माण में अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हैं।

रिवोल्यूशनरी वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश के सैफुल हक, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश के बाजलुर राशिद, सोशलिस्ट अलायंस (ऑस्ट्रेलिया) के सैम वेनराइट, साउथ एशिया सॉलिडैरिटी (यूके) के सरबजीत जौहल और बॉयकॉट, डिवेस्टमेंट एंड एंड अपूर्व गौतम द्वारा एकजुटता संदेश पढ़े गए। 

क्यूबा के राजदूत अलेजांद्रो सीमांकास मारिन, एमएलपीडी जर्मनी, स्वाजीलैंड की कम्युनिस्ट पार्टी, पार्टिडो कम्युनिस्टा इक्वाटोरियानो, पार्टिडो मंगगागावा (लेबर पार्टी फिलीपींस), साइप्रस यूनियन (साइप्रस), लाओ पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी (लाओस) ने पार्टी कांग्रेस को अपने एकजुटता संदेश भेजे थे, जिन्हें पढ़कर सुनाया गया।

अफगानिस्तान की लेफ्ट रेडिकल, ईरान की कम्युनिस्ट पार्टी, अर्जेंटीना की कम्युनिस्ट पार्टी और लैंडलेस पीपुल्स मूवमेंट (नामीबिया) सहित कई संगठनों ने भाकपा माले की 11वीं पार्टी कांग्रेस को बधाई दी।

फिलीस्तीन के बीडीएस आंदोलन के सह-संस्थापक उमर बरगौती, श्रीलंका के वकील और कार्यकर्ता स्वस्तिका अरेलिंगम, मलेशिया की सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव शिवराजन अरुमुगन, कैटेलोनिया के कम्युनिस्ट के अंतरराष्ट्रीय सचिव अरनू पिक तथा पाकिस्तान की अवामी वर्कर्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अख्तर हुसैन का वीडियो संदेश भाकपा-माले के 11 वें महाधिवेशन के लिए भेजा गया था।

अंतरराष्ट्रीय और जलवायु परिवर्तन पर विशेष मसौदा पेश

भाकपा-माले के महाधिवेशन के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति और जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण पर विशेष प्रस्ताव पेश किया गया। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर मशविदा प्रस्ताव को अभिजीत मजूमदार ने तो जलवायु परिवर्तन के प्रस्ताव को सुचेता डे ने पेश किया।

पेश किए गये प्रस्ताव में पूरी दुनिया में फासीवाद के उभार और उसके खिलाफ जारी प्रतिवाद आंदोलनों की चर्चा है। प्रस्ताव में ब्राजील के हालिया सफल संघर्ष को उदाहरण के तौर पर लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में बहु ध्रुवीय विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों को चिन्हित किया गया है।

जलवायु परिवर्तन पर प्रस्ताव पेश करतीं सुचेता डे

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर इस बार महाधिवेशन में विशेष प्रस्ताव लाए गए हैं। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष को पूंजीवाद के विरुद्ध संघर्ष का एक अभिन्न अंग मानते हुए दस्तावेज में पूंजीवाद द्वारा संचालित और संरक्षित उत्पादन पैटर्न और मुनाफाखोरी को जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण माना गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि मूलभूत समस्याओं से लड़े बिना जलवायु परिवर्तन का समाधान नहीं निकाला जा सकता। संस्थाओं पर जनतांत्रिक नियंत्रण और जनतांत्रिक निर्णय प्रक्रिया को बड़े सवालों से अलग करके जलवायु परिवर्तन से मुकाबला सम्भव नहीं है।

जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि

भाकपा माले के महाधिवेशन के मंच से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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