किसान आंदोलन ने बदला देश का राजनैतिक एजेंडा: तपन सेन

Estimated read time 1 min read

कोरबा। किसान आंदोलन ने देश का राजनैतिक एजेंडा बदल दिया है। इस आंदोलन ने दिखा दिया है कि कॉर्पोरेट लूट को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए मजदूर-किसान एकता को मजबूत बनाते हुए वर्ग संघर्ष तेज करना होगा। वर्ग संघर्ष ही समाज में बुनियादी परिवर्तन का हथियार है। पूर्व में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ भी हमने लड़ाई जीती है। अब इस लड़ाई को उसके राजनैतिक अंजाम तक पहुंचाना होगा और आगामी हर चुनाव में आरएसएस नियंत्रित भाजपा की हार सुनिश्चित करनी होगी।

उक्त बातें माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य तपन सेन ने आज यहां पार्टी के 7वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब शासक वर्ग अपनी जन विरोधी नीतियों के कारण अलगाव की स्थिति में जाता है, तो वह आम जनता को विभाजित करने की कोशिश करता है। आज यही खेल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके भाजपा-आरएसएस खेल रहे हैं। इसलिए सांप्रदायिकता और हिन्दुत्व के हमले के खिलाफ जमीनी और वैचारिक स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी। छत्तीसगढ़ में वामपंथी आंदोलन का यही महत्व है कि एक कमजोर ताकत होने के बावजूद वह प्रदेश की राजनीति के हर क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है और आम जनता के प्रतिरोध को संगठित करके समाज परिवर्तन की लड़ाई को तेज कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अपनी जन पक्षधर नीतियों और संघर्षों के कारण आने वाले दिनों में माकपा एक प्रभावशाली राजनैतिक ताकत के रूप में उभरेगी।

इससे पूर्व पार्टी के वयोवृद्ध नेता गजेंद्र झा द्वारा झंडारोहण और शहीद वेदी पर पुष्पांजलि के साथ सम्मेलन शुरू हुआ। वी एम मनोहर ने स्वागत भाषण देते हुए कोरबा में पार्टी के दिशा-निर्देशन में चल रहे भूविस्थापितों के संघर्षों का जिक्र किया और मजदूर-किसान एकता को मजबूत करने का आह्वान किया।

पार्टी राज्य सचिव संजय पराते ने राजनैतिक-सांगठनिक रिपोर्ट पेश की। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने वर्तमान राजनैतिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए जन संगठनों के निर्माण और कार्यकर्ताओं के वैचारिक प्रशिक्षण पर बल दिया है, ताकि पार्टी के राजनैतिक जनाधार का विस्तार किया जा सके। पार्टी के अखिल भारतीय नेताओं की उपस्थिति में माकपा सचिव की इस रिपोर्ट पर प्रतिनिधियों द्वारा बहस जारी है। वे पार्टी संगठन और आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए अपने अनुभवों की रोशनी में अपने सुझाव दे रहे हैं। सम्मेलन कल भी जारी रहेगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author