तमिलनाडु: बैंक खाते में सिर्फ 450 रुपये, भाजपा नेता के इशारे पर ईडी ने दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग का केस

नई दिल्ली। तमिलनाडु के दो किसान भाइयों पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था और 5 जुलाई, 2023 को उन्हें समन भेजा था। लेकिन काफी विरोध और फजीहत के बाद ईडी ने ये मामला बंद कर दिया। जुलाई 2023 में ईडी ने तमिलनाडु के दो दलित किसान भाइयों कन्नैयन और कृष्णन को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत समन जारी किया था। उनके वकील का कहना है कि किसान भाइयों के बैंक खाते में केवल 450 रुपये हैं।

समन में केवल एक तर्क दिया गया था कि किसान भाइयों के पास सिर्फ 6.5 एकड़ जमीन है। इसके अलावा ईडी के समन में कहा गया था कि दोनों किसान भाइयों का भाजपा के सलेम ईस्ट विंग के एक वरिष्ठ नेता जी गुनाशेखर के साथ कृषि भूमि विवाद चल रहा था। भाजपा के राज्य प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने बताया कि गुनाशेखर और किसान भाइयों ने जमीन हड़पने के आरोप में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

ये मामला पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर खूब उछला और लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया जिसके बाद ईडी को मामला बंद करना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी किसान भाइयों की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं।

गुरुवार 4 जनवरी की शाम को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कृष्णन ने कहा कि गुनाशेखर उन्हें परेशान कर रहे हैं और उन्होंने सुबह (4 जनवरी) उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

कृष्णन ने भाजपा नेता पर गंभीर आरोप लगाये हैं और कहा कि “आज सुबह, उन्होंने और उनकी टीम ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और जातिवादी गालियां भी दीं। हम 2020 से गुनाशेखर के खिलाफ जमीन हड़पने की कोशिश का मामला लड़ रहे हैं। उन्होंने और उनके लोगों ने हमें तीन साल तक अपनी ही जमीन पर खेती नहीं करने दी।”

उन्होंने बताया कि वह और उनके बड़े भाई कन्नैयन इतने वर्षों में सिर्फ 1,000 रुपये पेंशन और मुफ्त राशन पर अपना गुजारा करने पर मजबूर थे।

दोनों भाईयों के वकील प्रवीणा ने कहा, “भाजपा नेताओं की धमकियों के कारण दोनों कई वर्षों तक अपनी ही जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने आज कई वर्षों बाद पहली बार अपनी ज़मीन जोतना शुरू किया फिर भी भू-माफियाओं ने उन्हें परेशान करना शुरु कर दिया।“

दोनों किसान भाइयों पर 2017 की एक घटना के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। जबकि 2021 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उस मामले में बरी भी कर दिया गया था। 2017 में दोनों भाइयों पर अपने खेत के चारों ओर अनधिकृत तरीके से बिजली की बाड़ लगाने का आरोप था जिस कारण दो जंगली भैंसा की मौत हो गई थी। ईडी के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दोनों भाइयों की 2021 में बरी होने की घटना को अनदेखा किया गया था।

वहीं ईडी के सूत्रों के अनुसार दोनों किसान भाइयों को समन भेजा जाना एक चूक थी। दोनों भाइयों को ईडी के समन वाले लिफाफे में उनकी जाति ‘हिंदू पल्लर’ भी बताई गई है जिसे भी एजेंसी ने लिखावट की गलती बता कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की।

ईडी के साथ अपनी लड़ाई को याद करते हुए कृष्णन ने कहा कि उनके भाई, उनके वकील प्रवीणा और वह तीनों 5 जुलाई, 2023 को लगभग 250 किमी दूर एजेंसी के चेन्नई ऑफिस में गए थे।

कृष्णन ने कहा कि, “ईडी अधिकारियों ने हमें फॉर्म के दो बंडल दिए, सभी में लगभग 20 पेज थे। चूंकि हम पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए हमारे वकील प्रवीणा ने उन्हें भरने में हमारी मदद की। फिर वकील को वहां से जाने के लिए कहा गया ताकि वे हमसे पूछताछ कर सकें। हम अपने जमीन का रिकॉर्ड पहले ही जमा कर चुके थे इसके बावजूद हमसे इतनी फॉरमैलिटी करवाई गई। जब हमने उन्हें बताया कि पीएमएलए एक वकील को पूछताछ के दौरान वहां मौजूद रहने की अनुमति देता है तो वे गुस्सा हो गए। उन्होंने ऐसे किसी कानून के होने से मना कर दिया और हमारे वकील को हमसे दूर भेजने की कोशिश की। हमने ईडी अधिकारियों से कहा कि अगर पूछताछ के दौरान हमारे वकील को वहां रहने नहीं दिया जाएगा तो हम चले जाएंगे।“

इन सब के बाद भी जब वकील को अंदर नहीं जाने दिया गया तो वकील प्रवीणा ने नुंगमबक्कम पुलिस स्टेशन को फोन किया।

प्रवीणा ने कहा कि “पुलिस की टीम ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मुझे अंदर जाने दिया जाए। ईडी के अधिकारियों ने तब भी मुझे अंदर जाने से मना कर दिया तब दोनों किसान भाइयों ने ईडी का सहयोग नहीं करने का फैसला किया। पुलिस बुलाने को लेकर ईडी का एक अधिकारी हम पर चिल्लाया। उन्होंने कहा कि वे फिर से समन भेजेंगे भले ही मैंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को फोन किया हो। तब मैंने उनका वीडियो रिकॉर्ड किया और डीजीपी ऑफिस जाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया।”

वकील का दावा है कि राज्य पुलिस ने भी उनकी मदद नहीं की। उनका आरोप है कि “उन्होंने दिल्ली के दबाव के कारण मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। उन्होंने 31 दिसंबर को मुझसे कई घंटों तक पूछताछ की और फिर मुझसे अपनी शिकायत दोबारा लिखने को कहा लेकिन मैंने मना कर दिया।“

प्रवीणा के आरोपों पर जवाब देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि, “हमने उससे उचित शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा था। तकनीकी रूप से हमारे लिए एफआईआर दर्ज करना असंभव था।“

वकील प्रवीणा का आरोप है कि, “ईडी और अन्य कार्यवाही के सामने पेश होने के लिए दोनों भाइयों को मजबूर किया गया कि वे अपनी जमीन गिरवी रखें ताकि वे 50,000 रुपये उधार ले सकें। और अब पीएमएलए मामला निराधार होने के बावजूद दोनों को इसका भुगतान करना होगा।

इस बीच वकील प्रवीणा के पति बी बालामुरुगन ने कुछ दिन पहले मामले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने “ईडी को भाजपा की एक शाखा के रुप में बदलने” के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बर्खास्त करने की मांग की है। वकील प्रवीणा के पति बी बालामुरुगन चेन्नई (उत्तर) के जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के डिप्टी कमिश्नर-रैंक अधिकारी हैं।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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