Thursday, April 25, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

महिला पहलवानों ने निकाला जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च

नई दिल्ली। महिला पहलवानों का जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च शुरू हो गया है। मार्च में ज्यादातर लोगों ने अपने हाथों में तिरंगा ले रखा है। इसके साथ ही भारी तादाद में प्लेकार्ड लेकर लोग चल रहे हैं। जिसमें बृजभूषण को गिरफ्तार करो, पहलवानों के साथ न्याय करो, पीएम मोदी अपनी चुप्पी तोड़ो, न्याय मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन, पीएम मोदी कहां गया-आपका बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा आदि नारे लिखे हुए हैं।

मार्च में शामिल होने के लिए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी पहुंच गए हैं। वह ह्वील चेयर पर बैठकर मार्च की अगुआई कर रहे हैं। केंद्र ने भारी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। मौके पर मौजूद जनचौक के रिपोर्टर के मुताबिक आंदोलनकारियों से ज्यादा संख्या में वहां पुलिसकर्मी मौजूद हैं। 

आपको बता दें कि महिला पहलवानों के आंदोलन को आज एक महीने पूरे हो गए हैं। इस मौके पर उन्होंने जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकालने का ऐलान किया था। इसके पहले रोहतक में हुई पंचायत में 28 मई को नई संसद के सामने हरियाणा समेत आस-पास के राज्यों की महिलाओं की पंचायत आयोजित करने का फैसला किया गया है। उसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। लिहाजा राजधानी दिल्ली में एक बार फिर पुलिसकर्मियों और आंदोलनकारियों के बीच टकराव की स्थित पैदा होने की आशंका है।

इसके पहले यौन शोषण के आरोपी और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि वह नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला खिलाड़ियों के भी नार्को टेस्ट की शर्त रखी है। इसके जवाब में महिला खिलाड़ियों ने बयान जारी कर कहा है कि वो नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं बशर्ते कि बृजभूषण भी ऐसा करने के लिए तैयार हों।

इस मामले को लेकर राजनीति भी लगातार गरम होती जा रही है। तकरीबन सभी विपक्षी दलों ने महिलाओं के पक्ष में बयान जारी किए हैं। कांग्रेस और आप का उन्हें खुला समर्थन है। जिस तरह से किसानों का उन्हें लगातार समर्थन मिलता जा रहा है उससे इस बात की संभावना पैदा होती जा रही है कि राजधानी दिल्ली एक बार फिर किसानों के एक बड़े आंदोलन का केंद्र बन सकती है। हालांकि आंदोलनकारियों ने अब अपनी रणनीति में परिवर्तन लाते हुए खापों और किसानों की जगह महिलाओं को आगे लाने का फैसला किया है। आगामी 28 मई को उसकी पहली परीक्षा है।

जबकि बृजभूषण ने अयोध्या में रैली करने का ऐलान किया है। लेकिन बीजेपी ने इस रैली से खुद को अलग कर लिया है। उसके स्थानीय नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि यह बृजभूषण का व्यक्तिगत कार्यक्रम है इससे पार्टी का कुछ लेना-देना नहीं है।  

(जंतर-मंतर से प्रदीप सिंह की रिपोर्ट।)

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