पीएम पर टिप्पणी मामले में गिरफ्तार कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी मामले में गिरफ्तार कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। उसके बाद वे रिहा कर दिए गए। खेड़ा को रायपुर जाते समय गुरुवार को फ्लाइट से उतारकर दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। वे पार्टी के 85वें अधिवेशन में शामिल होने के लिए जा रहे थे।

खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत और मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज तीनों एफआईआर को एक जगह क्लब करने के आदेश दिए हैं। खेड़ा के खिलाफ असम में एक जगह और उत्तर प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी में केस दर्ज किए गए हैं। हालांकि, गिरफ्तारी असम पुलिस ने अपने यहां दर्ज केस के आधार पर की थी।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली की निचली अदालत शाम तक पवन खेड़ा को अंतरिम ज़मानत देगी, जिसके बाद सोमवार 28 फरवरी को इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी।

फ्लाइट से उतार कर पवन खेड़ा की गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने पवन खेड़ा को करीब साढ़े 11 बजे फ्लाइट से उतार लिया। इसके बाद पार्टी के अन्य नेताओं ने विमान से उतर कर हंगामा शुरू कर दिया। पवन खेड़ा गुरुवार की सुबह रायपुर जाने के लिए 11:30 की फ्लाइट में बैठ गए थे। अचानक उनके पास कुछ अफसर आए और उनसे अपना सामान चेक कराने के लिए फ्लाइट से नीचे उतरने को कहा। खेड़ा नीचे आए तो उन्हें असम पुलिस के अरेस्ट वारंट की जानकारी दी गई और कहा गया कि वे रायपुर नहीं जा सकते।

इसके बाद फ्लाइट में मौजूद कांग्रेस के बाकी नेता भी नीचे उतर आए और प्लेन के सामने ही धरने पर बैठ गए। करीब दो घंटे तक पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान वहां कई अधिकारी भी आ गए। इसके बाद करीब पौने दो बजे पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

चीफ जस्टिस  डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एक पीठ सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा दोपहर 2 बजे मामले का उल्लेख करने के बाद मामले की सुनवाई के लिए विशेष रूप से दोपहर 3 बजे बैठी। सिंघवी ने सीजेआई को बताया कि खेड़ा 11 बजे के करीब दिल्ली एयरपोर्ट पर एक विमान में सवार हुए लेकिन उन्हें प्लेन से उतार लिया गया।

सिंघवी कहा कि खेड़ा खिलाफ असम, लखनऊ और वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के बारे में उनकी टिप्पणियों को लेकर केस दर्ज किया गया है। कई एफआईआर पर चिंता जताते हुए सिंघवी ने उन सबको एक साथ क्लब करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह उनके बयान से सहमत नहीं हैं और न ही बयान का बचाव कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि एफआईआर एक साथ जोड़ दिए जाएं। इस पर सीजेआई दोपहर 3 बजे सुनवाई के लिए सहमत हुए।

दोपहर 3 बजे जब केस की सुनवाई शुरू हुई तब सिंघवी ने कहा कि खेड़ा की जुबान फिसल गई थी। उन्हें दंडात्मक कार्रवाइयों से बचाया जाए। प्रधानमंत्री के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ असम, लखनऊ और वाराणसी में एफआईआर दर्ज की गई हैं। सिंघवी ने कहा कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी, 295, 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एयरपोर्ट के अंदर धरने पर बैठे कांग्रेस नेता

कई एफआईआर पर चिंता व्यक्त करते हुए सिंघवी ने कहा कि वह उन्हें एक ही स्थान पर एक साथ करने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। सीनियर एडवोकेट ने कहा कि उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर असम पुलिस द्वारा ले जाने की मांग की जा रही है। हम समेकन के लिए कह रहे हैं। पूरे देश में वे ये एफआईआर दर्ज कर रहे हैं।

सिंघवी ने यह भी कहा कि खेड़ा ने बाद में ट्विटर पर स्पष्ट किया कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में बयान के संबंध में एक वास्तविक गलती की है। गिरफ्तारी से पहले पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। उन्होंने प्रस्तुत किया यदि आप एक राजनीतिक बयान के खिलाफ 153ए, 153बी और 295ए का इस्तेमाल करते हैं, तो यह गलत है। बयान बहस की गर्मी में हुआ।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि गिरफ्तारी दर्ज की गई है और उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने की कार्यवाही चल रही है। एएसजी ने कहा कि खेड़ा को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बजाय सीआरपीसी के तहत उपलब्ध सामान्य उपायों का सहारा लेना चाहिए।

एएसजी ने सिंघवी की इस बात पर भी विवाद किया कि बयान गलती से हुआ और अदालत को वीडियो दिखाने की पेशकश की। एएसजी ने कहा, योर लॉर्डशिप को वीडियो देखना होगा। फिर हम देखेंगे कि क्या यह गलती थी।

एयरपोर्ट के अंदर कांग्रेस नेताओं की प्रशासन से बहस

एएसजी ने कहा कि इस वीडियो में जो व्यवहार है वो मायने रखता है। हम अब वीडियो दिखाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो, जहां खेड़ा ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को नरेंद्र गौतमदास मोदी को बोला था।

सीजेआई ने एएसजी से पूछा, “आप हमें प्रथम दृष्टया बताएं कि 153A और 295A कैसे बनते हैं? एएसजी ने कहा कि पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखा जाना चाहिए। यह एक बहुत ही अपमानजनक तरीका है। यह एक बहुत ही सोचा समझा बयान है। यह एक ऐसा बयान है जो न केवल पीएम का अपमान करता है बल्कि असंतोष और अनिष्ठा को आमंत्रित करता है। आखिरकार वह सबसे बड़े लोकतंत्र के विधिवत चुने गए प्रधानमंत्री हैं।

विचाराधीन वीडियो को अदालत में सभी को सुनने के लिए चलाया गया और एएसजी ने कहा कि गौतमदास का उपयोग करने के बाद खेड़ा ने और टिप्पणियां कीं। एएसजी ने दोहराया कि यह अपमान को बढ़ा रहा है। लॉर्डशिप चेहरे के भाव और चारों ओर हंसी देख सकते हैं। यह जानबूझकर और देश के पीएम का अपमान करने के लिए किया गया है।

एयरपोर्ट के अंदर पवन खेड़ा

खेड़ा को कोर्ट की नसीहत

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश लिखवाने के बाद पवन खेड़ा को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि हमने आपको प्रोटेक्शन दिया है लेकिन बातचीत का कुछ स्तर होना चाहिए। इस पर सिंघवी ने कहा कि वह खेड़ा के बयान का समर्थन नहीं करते। लेकिन फिर भी, इसे 41A के बिना सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। यहां 7 साल की सज़ा का प्रावधान नहीं है। 3 और 5 साल है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं)

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