प्रयागराज: फाफामऊ सामूहिक हत्याकांड में नामजद आरोपियों का नहीं मिला डीएनए

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उत्तर प्रदेश में आज तक उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दिए गये दिशा-निर्देशों पर अमल नहीं हुआ और कानून-व्यवस्था पुलिस और विवेचना पुलिस अलग-अलग नहीं किया गया। बस एसपी जिलों को एसएसपी जिलों में बदला गया और पुलिस रेंज वाले जिलों में पहले डीआईजी, फिर आईजी और अब एडीजी स्तर तक बढ़ा दिया गया है। प्रयागराज में पुलिस की कुशलता के लिए एसएसपी के पद पर डीआईजी की तैनाती की गयी है मगर विवेचना के सत्र में कोई सुधर नहीं हुआ है। इसे यों भी कहा जा सकता है कि इधर अधिकारियों का रैंक बढ़ता गया और उधर विवेचना का सत्र गिरता गया। इसका ज्वलंत उदाहरण फाफामऊ का गोहरी गाँव है, जहाँ सामूहिक हत्याकांड का अब तक दो बार फर्जी खुलासा प्रयागराज की पुलिस कर चुकी है और अब कहा जा रहा है कि 22 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर डीएनए मिलाने के लिए आगरा स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था जिसमें पहले चरण में नामजद सातों आरोपियों सहित 10 की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले अधेड़, उसकी पत्नी, पुत्र और 17 वर्षीया पुत्री का शव 25 नवंबर को घर में बिस्तर पर मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि कत्ल से पहले  किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। मृतकों के स्वजनों ने गांव के ही आकाश सिंह, बबली, अमित सिंह, रवि, मनीष, अभय, राजा, कुलदीप, कान्हा ठाकुर, अशोक व रंचू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

नामजद किए गए आरोपितों में दस की रिपोर्ट आ गई। इसमें किशोरी के शरीर से लिए गए सैंपल से इसका मिलान नहीं हुआ है। फाफामऊ थाना प्रभारी अनिल वर्मा का कहना है कि नामजद आरोपितों में दस की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि जेल भेजे गए तीन आरोपितों समेत चार संदिग्धों की रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी। ऐसे में अगर सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही तो सबसे बड़ा सवाल यही रहेगा कि इस क्रूरता भरे हत्याकांड को अंजाम किसने दिया था। ऐसे में पुलिस के लिए यह हत्याकांड पहेली बना हुआ है।

सामूहिक हत्याकांड का दो बार खुलासा करने वाली फाफामऊ पुलिस ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दलित परिवार के चार लोगों की हत्या में पवन सरोज, शशि पटेल और रजनीश को जेल भेजा है। इन लोगों के खिलाफ पुलिस को सिर्फ यह पता चला कि दलित युवती से उनकी फोन पर बातचीत और चैटिंग होती थी। हत्या और रेप में संलिप्तता का पता लगाने के लिए तीनों का डीएनए जांच के लिए सैंपल भेजा गया है।

फाफामऊ के गोहरी गांव में दलित परिवार की हत्या हुए लगभग 21दिन हो रहे हैं, लेकिन प्रयागराज कि काबिल पुलिस इस लोमहर्षक घटना की अभी तफ्तीश ही कर रही है। उसके हाथ कोई भी ठोस सुबूत नहीं लगा है। गोहरीकांड की जानकारी 25 नवंबर को हो सकी थी और इसके बाद से अब तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं। पुलिस के पास न तो पवन सरोज को कातिल ठहराने के लिए ठोस सबूत हैं और न ही युवती के प्रेमी और उसके मौसेरे भाई की घटना में संलिप्तता का कोई प्रमाण है।

25 नवंबर को फाफामऊ के गोहरी गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की बेरमही से हत्या कर दी गई थी। मृतकों में फूलचंद (50), उसकी पत्नी मीनू (45), बेटा शिव (10) और 17 वर्षीय बेटी शामिल थीं। सभी के खून से लथपथ शव सुबह घर के भीतर पड़े मिले। फूलचंद्र की बेटी का शव नग्नावस्था में मिला था जिससे उसके साथ बलात्कार की आशंका भी व्यक्त किया जा रहा है। धारदार हथियार से हमला कर एक ही परिवार के सभी चार लोगों को मौत के घाट उतारा गया था।

इस हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। फाफामऊ सामूहिक हत्याकांड को दो दिन नहीं बल्कि तीन दिन पहले अंजाम दिया गया था। पोस्टमार्टम के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि हत्याकांड सोमवार व मंगलवार की दरमियानी रात अंजाम दिया गया। बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि न सिर्फ आस-पास के लोगों बल्कि पड़ोस में ही रहने वाले भाइयों व अन्य परिजनों को भी घटना की जानकारी नहीं हो सकी। इसे लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे तीन दिन तक एक साथ चार शव घर में पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने यह बात बताई है कि शव तीन दिन पुराना था। पोस्टमार्टम 25 नवंबर को हुआ ऐसे में माना जा रहा है कि हत्याकांड सोमवार व मंगलवार की दरमियानी रात अंजाम दिया गया।

25 नवंबर को यह बलात्कार और हत्याकांड सामने आया था। इसके दो दिन बाद ही पीएम और सीएम का प्रोग्राम 5 दिसंबर को प्रयागराज में लगने की चर्चा हो गयी। इसके बाद हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने 29 नवंबर को करने का दावा किया। पुलिस लाइंस में मीडिया को बुलाकर थरवई एरिया के कोरसंड के रहने वाले पवन कुमार सरोज को मीडिया के सामने पेश किया गया। एडीजी प्रेम प्रकाश ने इस प्रेस कांफ्रेंस को लीड किया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि पवन छात्रा को मैसेज करता था। उसने आई लव यू लिखकर भी भेजा था। इसके जवाब में युवती ने आई हेट यू लिखकर रिवर्ट किया। इसी से गुस्सा पवन ने इस हत्याकांड की साजिश रची। पुलिस ने खुलासा तो कर दिया लेकिन यह साबित नहीं कर पायी कि एक अकेले ने कैसे इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। उसके साथियों का नाम भी नहीं बता पायी। पवन को पुलिस ने चालान करके जेल भेज दिया।

इसके बाद पुलिस नई कहानी सामने लाई। हत्याकांड में पुलिस की इस नई थ्योरी ने उसके अपने ही पहले के खुलासे को झूठा साबित कर दिया। पुलिस अफसरों का दावा है कि अब असली कातिल शिकंजे में आए हैं। पुलिस का अब दावा है कि हत्याकांड की कड़ी एक कोचिंग में मुलाकात से जुड़ रही है। पुलिस ने अब दो नए लोगों को मामले में उठा लिया है। पूरा दिन पुलिस उन्हें लेकर सबूत जुटाने में जुटी रही। नए तथ्यों में रिश्तों की कड़वाहट सामने आ रही है। पुलिस कहना है कि शशि पटेल नाम के युवक और युवती में बातचीत होती थी। युवती अब युवक पर शादी का दबाव बना रही थी। वह युवक के घर तक पहुंच गई थी। कहा था कि शादी न करने पर घरवालों को बता देगी। पुलिस के पास जाएगी। इससे डरे युवक ने अपने मौसेरे भाई के साथ मिलकर हत्या की सनसनीखेज घटना अंजाम दिया। इसकी लोकेशन यहाँ नहीं मिलने से पुलिस कि दूसरी कहानी भी फेल हो गयी है । 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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