Friday, March 29, 2024

झारखंड में जारी है कृषि कानूनों का विरोध, किसान-मजदूरों ने निकाली रैली

झारखंड के जमशेदपुर में विनाशकारी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए धरना दिया गया। इसमें बड़ी संख्या में किसानों और मजदूरों ने भागीदारी की।

किसान आंदोलन एकजुटता मंच के बैनर तले जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर विशाल विरोध-प्रदर्शन किया गया। इसमें लगभग 3000 लोगों ने हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन में जमशेदपुर के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिला के विभिन्न प्रखंडों से भी भारी संख्या में ग्रामीण, किसान, खेत मजदूर शामिल हुए। सबसे पहले आम बागान मैदान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर विभिन्न संगठनों की ओर से माल्यार्पण किया गया। वहीं अंबेडकर चौक में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया।

इसके बाद एक विशाल रैली निकाली गई, जो आम बागान मैदान से साकची के विभिन्न मार्गों से होते हुए साकची गोल चक्कर में आकर एक सभा में तब्दील हो गई। सभा की अध्यक्षता किसान आंदोलन एकता मंच के संचालन समिति के सदस्य और मानगो गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सरदार भगवान सिंह ने की।

सभा को विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने अविलंब तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी प्रदान करने की मांग रखी और कहा कि जब तक देश भर में किसान आंदोलन चलेगा झारखंडवासी भी इस आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहेंगे।

वक्ताओं ने कहा कि जब कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का ही होता है, ठीक उसी प्रकार ने आज मोदी सरकार ने जो मानव निर्मित आपदा किसानों के लिए तैयार की है, इसका सबसे अधिक खामियाजा गरीब और पिछड़ा राज्य होने के नाते झारखंडवासी को ही भुगतना पड़ रहा है, इसीलिए संपूर्ण झारखंडवासी आज किसान आंदोलन के साथ हैं और अंत तक साथ रहेंगे।

कार्यक्रम में ऑल इंडिया किसान सभा, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन, शहीद स्मारक समिति, झारखंड जनतांत्रिक महासभा, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी, साझा नागरिक मंच, एससी एसटी और माइनॉरिटी वेलफेयर समिति, गांव कांड राज्य परिषद के साथ ही विभिन्न गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, छात्र संगठन एआईडीएसओ और एआईएसएफ, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी, झारखंड यूनिटी फाउंडेशन, महिला संगठन एआईएमएसएस, जनवादी महिला समिति, झारखंड विकलांग मंत्र मजदूर संगठन और  सीटू सहित दर्जनों संगठन शामिल हुए।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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