फिलहाल उम्मीद के साथ इंतजार का कोई विकल्प नहीं है
अब 2025 शुरू हो गया है। पिछले साल को याद किया जाये तो भारत के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। [more…]
अब 2025 शुरू हो गया है। पिछले साल को याद किया जाये तो भारत के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। [more…]
हाल (दिसंबर 2025) में संसद में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में एक ओर बाबासाहेब अम्बेडकर का अपमान किया तो दूसरी [more…]
आम लोगों के लिए जारी राजनीतिक घमासान को ठीक से समझने की जरूरत है। इसे सिर्फ राजनीतिक संघर्ष के रूप में देखना भूल है। इस [more…]
संविधान पर हुई बहस में प्रधानमंत्री मोदी लगभग दो घंटा बोले मगर ठीक वही बात नहीं बोले जो बोलनी थी। लोकसभा में अपने कुल 110 [more…]
बस अब यही बच गया था, संसद भवन के द्वार पर आज सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। यह हमारी संवैधानिक संस्थाओं के अवमूल्यन की पराकाष्ठा [more…]
हादसे वक्त के गुजरने के साथ अपने आप बेअसर नहीं होते, जख्म खुद-ब-खुद नहीं भरते। इसका उलट जरूर होता है, गुनाह अगर सही तरीके से, [more…]
तवलीन सिंह एक जानी-मानी स्तंभ लेखक हैं। गत 8 दिसंबर 2024 को द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित उनके कॉलम में उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं के [more…]
हमारे संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है, जिसे उस अनुच्छेद के ठीक बाद स्पष्ट किया गया है जो स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त [more…]
सन 1980 के दशक में देश में शांति-व्यवस्था और प्रगति पर गम्भीर हमले हुए। साम्प्रदायिक ताकतों के हाथ एक नया औज़ार लग गया। वे देश [more…]
आरएसएस-भाजपा और उनसे जुड़े संगठन हर मौके का उपयोग अल्पसंख्यकों के दानवीकरण के लिए करते आए हैं। यद्यपि नफरत फैलाने वाले भाषण देना अपराध है, [more…]