पुस्तक समीक्षा: त्रासदियों की नींव पर घटती नई त्रासदियों की कहानी

‘एक देश बारह दुनिया’ पुस्तक अनूठे भाषा-प्रवाह और दृश्य-बिम्बों के कारण अपने पहले पन्ने से ही पाठकों को बांधकर आगे…

पुस्तक समीक्षा: एक यायावर की यादों के साथ रोमांचकारी पाठकीय यात्रा

देश के वरिष्ठ पत्रकार और प्रतिबद्ध लेखक-विचारक उर्मिलेश के संस्मरणों की किताब ‘ ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ के प्रकाशन की…

पुस्तक समीक्षा: दर्जाबंदी तोड़ने की निगाह

सदियां गुजर गईं मगर वंचनाओं ने आज तक आधी दुनिया का पीछा नहीं छोड़ा। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, कोई ऐसी…

जवाहर लाल नेहरू और उनका इतिहास बोध

जवाहर लाल नेहरू न केवल आज़ादी के लिए किये गए संघर्ष के शीर्षस्थ नेताओं में से एक रहे हैं, बल्कि…

हिंदू राष्ट्रवाद का खौफ़नाक मंजर पेश करती है अरुंधति की किताब ‘आज़ादी’

अरुंधति रॉय भारत की उन चंद लेखकों में हैं, जिनकी समकालीन भारत की नब्ज़ पर उंगली है और जो भारत…

किताब छापकर बताना पड़ा मोदी का सिखों के साथ रिश्ता

भाजपा को ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के संबंध सिखों के साथ अटूट नहीं रहे। अब…

अपरिभाषेय राष्ट्रवाद की परिभाषा!

जेएनयू के परिसर में सन् 2016 की सर्दियों में हुए राष्ट्रवाद पर भाषणों के संकलन, ‘What the nation really needs…

किताब को पाठ्यक्रम में बनाए रखने के लिए लड़ना मेरा कर्तव्य नहीं: अरुंधति रॉय

नई दिल्ली।(मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की किताब ‘वाकिंग विद द कॉमरेड्स’ को तमिलनाडु के मनोमणियम सुंदरानर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से…

हत्यारे के महिमामंडन काल में सच्चाई की इबारत है ‘उसने गांधी को क्यों मारा’

कुछ पुस्तकें ऐसी होती हैं जो विमर्श और सोच-समझ के नए आयाम प्रस्तुत करती हैं और बदलाव की वाहक बनती…

सेपियन्स : सितमगर को मसीहा बताने की हरारी की मक्कारी

युवाल नोह हरारी की बहु-प्रचारित किताब `सेपियंस` पढ़कर एक टिप्पणी।  “मध्य युग के कुलीन सोने और रेशम के रंग-बिरंगे लबादे…