ठेके की खेती में नहीं उतरने की घोषणा करने वाले अडानी का बेहद विशाल है कारोबारी साम्राज्य

कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच अडानी और अंबानी समूह चर्चा में हैं। कुछ दिन…

‘तुम्हारी औकात नहीं है जो राजधानी में सफर करो’ कहते हुए दो मजदूरों को राजधानी से उतारा

कृषि और रेलवे के कारपोरेटीकरण का जमीनी असर दिखने लगा है, कहीं किसान को लूटकर व्यापारी बिना भुगतान के भाग…

विपक्ष को चाहिए कि वह संसद की समानांतर बैठक बुलाये!

देश के किसानों ने राजधानी दिल्ली को इस हाड़ कंपाने वाली सर्दी में खुले आसमान के नीचे पिछले 25 दिनों…

कृषि क़ानून और इनके ख़िलाफ़ लड़ाई के भावी परिणाम

तीनों कृषि क़ानून कृषि क्षेत्र के बलात् पूंजीवादीकरण के क़ानून हैं। इनमें किसानों के हित का लेश मात्र नहीं है…

फिलहाल राजधानी में नहीं घुसेंगे! सिंघू बॉर्डर पर डटे रहेंगे किसान

लम्बी झड़प और संघर्ष के बाद केंद्र सरकार ने किसानों  के जिद के आगे  विवश होकर उन्हें दिल्ली घुसने की…

जब निरंकुश सत्ताओं के लिए चुनौती बन गए व्यंग्यकार!

मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में कहते थे– “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता…

घना होता अंधेरा, मध्यवर्ग का चरित्र और मुक्तिबोध की कविता ‘अंधेरे में’ 

                                       (पूँजी…

स्लैब में बदलाव कर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की तैयारी, वर्कर्स फ्रंट ने जताई नाराजगी

आगरा। बिजली दरों के स्लैब में बदलाव कर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डालने की योगी सरकार की कवायद पर वर्कर्स…

गांवों से शुरू हो गयी मजदूरों की वापसी, लेकिन काम का टोटा

महामारी के दौरान 3 करोड़ मजदूर गांव की तरफ निकल गये थे। सवाल है कि क्या वे शहर में काम…

पतनशील हिंदू और पूंजी की संस्कृति की दुरभिसंधि: अंधकार युग की ओर बढ़ता भारत

भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब ले लेकर पश्चिम तक आरएसएस (संघ), भाजपा एंव अन्य आनुषंगिक संगठनों और…