(पत्रकारिता पेशे के बारे में कई बार कहा जाता है "यहां तो चराग तले अंधेरा है"। यानि जो पत्रकार दिन रात दूसरों के हक के लिए लड़ते हैं वे खुद ही अन्याय के शिकार होते हैं, उन्हें उनका हक...
‘मकबूल’ अदाकार इरफान खान आज जिंदा होते, तो वे अपना 54वां जन्मदिन मना रहे होते। बीते साल 29 अप्रैल को वे हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए थे। अदाकारी के मैदान में आलमी तौर पर उनकी जो शोहरत...
कोविद-19 महामारी फैलने के बाद मंदिरों के पट बंद हो गए। कोरोना संक्रमण के लाइलाज घोषित होने के बाद सारे आस्तिक धर्म कर्म को छोड़ खुद को सेफ रखने में जुट गए। हर तरफ मौत और दुनिया के ख़त्म...