Tag: dr br ambedkar
पहलगाम की आतंकी घटना और राष्ट्रीय एकता का सवाल
जाति के नाम पर आक्रमणकारी संगठन बनाने की संवैधानिकता पर अविलंब विचार करना आवश्यक हो गया है। करणी सेना जैसे संगठनों की कानूनी स्थिति क्या [more…]
अंबेडकर, उम्माह और राष्ट्रवाद: संदर्भ और दुरुपयोग
आजकल डॉ. भीमराव अंबेडकर के कुछ अधूरे और संदर्भ से काटकर पेश किए गए कथनों के आधार पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। [more…]
बात-बेबात: हम लोगों को समझ सको तो…
हाल ही में उन से एक मित्र के यहां एक आयोजन में अचानक मुलाकात हो गई। खाना खाते समय संयोग से हम एक ही टेबल [more…]
दीक्षा दिवस पर विशेष: अम्बेडकर का दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण का सपना अधूरा
14 अक्टूबर 1956 को डॉक्टर अंबेडकर ने हिंदू धर्म में मौजूद छुआछूत, जातीय और वर्णीय विभाजन के कारण नागपुर में धम्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म [more…]
सामंती-पूंजीवादी व्यवस्था में अम्बेडकर और दलित राजनीति
डॉ. भीमराव अम्बेडकर असमानता, दासता, अन्याय, जातीय और धार्मिक उत्पीड़न जैसी सामाजिक विसंगतियों के मुखर विरोधी रहे क्योंकि इन सामाजिक विसंगतियों से उपजी पीड़ाओं को [more…]
दलित लिटरेचर फेस्टिवल: दलित साहित्य पढ़े बिना आप मनुष्य नहीं बन सकते
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के आर्यभट्ट कॉलेज में दो दिनों तक देश भर से आए दलित साहित्यकारों, चिंतकों, फिल्मकारों और लोक कलाकारों [more…]
परिवर्तनशील, प्रयोगधर्मी व निरंतरता के गांधी
जब यह फ्रेम गांधी जी के लिए है ही नहीं तब क्यों उनकी प्रासंगिकता पर चिंतन किया जाए। ऐसा चिंतन फिजूल की क़वायद ही होगी।यह [more…]