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संस्कृति-समाज

बात-बेबात: हम लोगों को समझ सको तो…

हाल ही में उन से एक मित्र के यहां एक आयोजन में अचानक मुलाकात हो गई। खाना खाते समय संयोग से हम एक ही टेबल [more…]

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ज़रूरी ख़बर

दीक्षा दिवस पर विशेष: अम्बेडकर का दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण का सपना अधूरा

14 अक्टूबर 1956 को डॉक्टर अंबेडकर ने हिंदू धर्म में मौजूद छुआछूत, जातीय और वर्णीय विभाजन के कारण नागपुर में धम्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म [more…]

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ज़रूरी ख़बर

सामंती-पूंजीवादी व्यवस्था में अम्बेडकर और दलित राजनीति

डॉ. भीमराव अम्बेडकर असमानता, दासता, अन्याय, जातीय और धार्मिक उत्पीड़न जैसी सामाजिक विसंगतियों के मुखर विरोधी रहे क्योंकि इन सामाजिक विसंगतियों से उपजी पीड़ाओं को [more…]

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राजनीति

दलित लिटरेचर फेस्टिवल: दलित साहित्य पढ़े बिना आप मनुष्य नहीं बन सकते

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के आर्यभट्ट कॉलेज में दो दिनों तक देश भर से आए दलित साहित्यकारों, चिंतकों, फिल्मकारों और लोक कलाकारों [more…]

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बीच बहस

परिवर्तनशील, प्रयोगधर्मी व निरंतरता के गांधी

जब यह फ्रेम गांधी जी के लिए है ही नहीं तब क्यों उनकी प्रासंगिकता पर चिंतन किया जाए। ऐसा चिंतन फिजूल की क़वायद ही होगी।यह [more…]