1975 की 25-26 जून की रात के दरमियान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल (इमरजेंसी) घोषित कर दिया था। तत्काल…
लोकतंत्रः अतीत, वर्तमान और भविष्य
(वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरुण कुमार त्रिपाठी के संपादकत्व में ‘आज के प्रश्न’ श्रृंखला के तहत ‘लोकतंत्र: अतीत, वर्तमान और…
यह इमर्जेंसी का नहीं, पाकिस्तानी सियासत का ‘रिपीट’ नजर आता है
बहुत सारे लोग आज के राजनीतिक दौर की तुलना सन् 1975-77 के दौर की ‘इमर्जेंसी’ से कर रहे हैं। संयोगवश,…
देश में स्वस्थ लोकतंत्र के बने रहने के लिए स्वतंत्र प्रेस का होना जरूरी: चीफ जस्टिस चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि किसी देश में लोकतंत्र बचे रहने के लिए मीडिया को आज़ाद…
राइट टू हेल्थ पास करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, क्या यह देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेगा?
राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने राइट टू हेल्थ बिल पारित किया है। मंगलवार को राज्य सरकार…
क्या भाजपा राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने का जोखिम उठाएगी?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए गए बयानों और संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणियों…
आखिर मोदी को ही आपातकाल की याद इतनी क्यों सताती है?
सैंतालीस साल यानि करीब साढ़े चार दशक पुराने आपातकाल के कालखंड को हर साल 25-26 जून को याद किया जाता…
क्या यूपी में कांग्रेस जीत पाएगी महिलाओं का दिल?
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जातिगत राजनीति के बजाय महिलागत राजनीति करना ये कांग्रेस की रणनीति से ज्यादा…
बेहद दिलचस्प है ‘गूंगी गुड़िया’ से कुशल राजनेता बनने का इंदिरा का सफर
स्वातंत्र्योत्तर भारत के इतिहास में इंदिरा गांधी एक विलक्षण व्यक्तित्व की राजनेता थीं। वे भारत के प्रधानमंत्री के पद पर…
इमरजेंसी के साथ तानाशाही पर भी बहस कीजिए
हर बार की तरह इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए…