Friday, March 29, 2024

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आंदोलन से जन्मे देश के प्रधानमंत्री का आंदोलनकारियों को परजीवी कहना शर्मनाक

स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिवस 13 फरवरी पर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में किसान आंदोलनकारियों को आंदोलनजीवी परजावी कहकर संबोधित किये जाने के संदर्भ में परसों अनहद की...

इतिहास के खतरनाक मोड़ पर खड़ा हो गया है राजनीतिक लोकतंत्र

इस अर्थ में कि वहां उसके सभी स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और चौथा खंभा प्रेस भी उतना ही मुस्तैद है। पर पिछले चुनावों के दौरान वहां जो हुआ, वह एक अर्थ में पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था की सीमा का आईना...

शताब्दी वर्ष पर विशेष: इतिहास की कब्र से उठ खड़े हुए चौरी चौरा विद्रोह के नायक

(चौरी चौरा विद्रोह स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की कुछ सबसे ज्यादा चर्चित घटनाओं में से एक है। इस घटना ने न केवल आजादी की लड़ाई का रुख बदल दिया बल्कि उसके भविष्य का रास्ता भी तैयार करने का काम...

हिंदुस्तान के वास्तविक राजा किसान को बना दिया गया है गुलाम: गांधी

जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए जब गांधी जी को अपना परिचय देने की आवश्यकता पड़ी और हर बार उन्होंने स्वयं की पहचान किसान ही बताई। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे गांधी अहमदाबाद में एक...

रूसी जमीन पर क्रांति के नायक लेनिन से एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की मुलाकात

भारत के स्वाधीनता संग्राम पर मार्क्सवादी विचारधारा का व्यापक प्रभाव पड़ा है। 1857 के प्रथम स्वाधीनता पर कार्ल मार्क्स ने भी एक किताब लिखी है और उस संघर्ष को उपनिवेशवाद के विरुद्ध एक प्रतिरोध कहा है। भारतीय स्वाधीनता संग्राम...

कामरा के खिलाफ अवमानना केस: फ्रीडम ऑफ स्पीच का मतलब सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं

भारत के एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह कहते हुए कि लोगों को आजकल लगता है कि वो मुखर और अंधाधुंध तरीके से उच्चतम न्यायालय  और जजों की निंदा कर सकते हैं और ऐसा करके उन्हें लगता है कि...

‘पैसे से मेरी आज़ादी नहीं ख़रीदी जा सकती’

आंख खुलते ही व्हाट्सऐप सन्देश देखा कि कॉंग स्पेलिटी नहीं रहीं। रात ग्यारह बजे वह चल बसीं। डॉमियासियाट् की महामाता (मैट्रिआर्क) कॉंग स्पेलिटी लिंगडोह-लांगरिन ने अपनी भूमि पर यूरेनियम के खनन की अनुमति देने से मना कर दिया था। अपनी...

जयंती पर विशेष: हसरत मोहानी, वह शख्स जिसने दिया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा और मांगी मुकम्मल आजादी

जंग-ए-आजादी में सबसे अव्वल ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’ का जोशीला नारा बुलंद करना और हिंदुस्तान की मुकम्मल आज़ादी की मांग, महज ये दो बातें ही मौलाना हसरत मोहानी की बावकार हस्ती को बयां करने के लिए काफी हैं। वरना उनकी शख्सियत...

मध्य प्रदेशः आजाद कराए गए बंधुआ युगल, सामने पुनर्वास बड़ी चुनौती

आदिम दौर के तमाम नियम आज भी बदस्तूर जारी हैं। जगह-जगह लोगों को बंधुआ मजदूर या गुलाम बनाकर रखा जा रहा है और उनसे जबरन काम के साथ ही अमानवीय व्यवहार भी किया जा रहा है। ताजा मामला मध्य...

गांधी के सिपाही और नेहरू के साथी लोहिया

राम मनोहर लोहिया ने आजाद भारत में सत्ता से सवाल पूछना सिखाया और सत्ता के खिलाफ रहकर भारतीय राजनीति के साथ भारतीयों के मन-कर्म पर गहरा प्रभाव छोड़ा। वह हमेशा समाज और सरकार को एक साथ, एक रास्ते पर...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...