history
संस्कृति-समाज
आज के अमीरों के पुरखों ने ही 1857 में की थी देश के साथ ग़द्दारी!
आज 10 मई 2020, प्रथम भारतीय सवतंत्रता संग्राम 1857 की 163वी जयंती है। सरकार की नीतियों की वजह से, भारत में कोरोना संकट अमीर बनाम गरीब, गांव बनाम शहर आधारित सत्ता के संघर्ष मे बदल गया है। अमीरों को...
संस्कृति-समाज
इतिहास/ जन्मदिवस विशेष: सिख साम्राज्य के महानायक महान योद्धा हरि सिंह नलवा
अमरीक -
प्रामाणिक इतिहास के बेशुमार पन्ने महाराजा रंजीत सिंह के 'खालसाराज' के महानायक-योद्धा हरि सिंह नलवा को बतौर जिंदा किदंवती पेश करते हैं। शूरवीरता के उनके सच्चे किस्से मिथकीय कथाओं का हिस्सा लगते हैं। लेकिन यकीनन ये सच इसलिए भी...
ज़रूरी ख़बर
इतिहास से सबक़ न लेने वाला उसके ही कूड़ेदान में समा जाता है!
कहा जाता है कि इतिहास जब गौरव मात्र करने की विषयवस्तु बन जाता है तो इतिहास खुद को बार-बार दोहराने लगता है। और जब ऐतिहासिक गौरव में संस्कृति का तड़का लगा दिया जाए तो भविष्य, इतिहास से दो कदम...
संस्कृति-समाज
शहादत सप्ताह: भगत सिंह और अराजकतावाद
Janchowk -
भगत सिंह एक निर्भीक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ बहुत गंभीर अध्येता भी थे। उन्होंने दुनिया भर की अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं और क्रांतिकारी सिद्धांतों का बेहद गहरा अध्ययन किया हुआ था। अंतरराष्ट्रीय क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास कि अपने अध्ययन के...
बीच बहस
कांग्रेस पर कनक दृष्टि: अमरबेलों से जकड़ा वटवृक्ष
(छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल रह चुके कनक तिवारी न्याय के युद्ध क्षेत्र में केवल कालीकोट को ही हथियार नहीं बनाते बल्कि समय पड़ने पर वह कलम की तलवार भी उठाने से नहीं चूकते। कांग्रेस के साथ एक जमाने से...
जंतर-मंतर
देश की महिलाएं रच रही हैं नया इतिहास: रामचंद्र गुहा
अहमदाबाद। 30 जनवरी अर्थात गांधी जी के बलिदान दिवस के दिन पद्म भूषण इतिहासकार रामचंद्र गुहा बापू की कर्मभूमि अहमदाबाद में थे। गुहा के तीन कार्यक्रम थे। जिनमें पहला नेहरू ब्रिज पर CAA, NRC, NPR के विरोध में बनाई...
संस्कृति-समाज
क्योंकि भारत का इतिहास बदलने का काम जारी है!
विश्व आदिवासी दिवस की बधाई
आज विश्व आदिवासी दिवस पर आप मान लीजिए
कि भारत के ऋषि मुनि ही
भारत के सबसे पुराने निवासी हैं
मान लीजिए कि वेद तब ही आ चुके थे जब मनुष्य का जन्म भी नहीं हुआ था
मान लीजिए...
बीच बहस
कश्मीर और इतिहास के साथ क्यों धोखाधड़ी है धारा 370 का खात्मा
Janchowk -
15-16 मई 1949 को सरदार वल्लभ भाई
पटेल के घर पर कश्मीर के भविष्य को लेकर एक अहम बैठक हुई थी। बैठक में जवाहर लाल
नेहरू और शेख अब्दुल्ला भी मौजूद थे। बैठक का एजेंडा ‘राज्य में नए संविधान के गठन’...
Latest News
सलमान सोज और अमिताभ दुबे का लेख: कांग्रेस एक ज्यादा न्यायपूर्ण समाज बनाना चाहती है
कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने भारत में बढ़ती जा रही गैर-बराबरी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। चूंकि...
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