देश की राजनीति और राज्य व्यवस्था का स्वरूप धीरे-धीरे अलग दिशा में बढ़ रहा है। यहां पर दो तरह की…
पुस्तक समीक्षा: समतावादी आंदोलनों को नई ऊर्जा देने की कोशिश
हमारी सभ्यता अपनी कालगणना में जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का विमर्श पीछे छूटता जा…
नीतीश: राजनीतिक पतन की नई परिभाषा
सिद्धांत, मूल्य, विचारधारा आदि सरीखे शब्द सब बेमानी जैसे हो गए हैं। नीतीश का पल्टीमार ही मौजूदा राजनीति का सच…
वर्ण व्यवस्था और ब्राह्मणवादी वैचारिकी को चुनौती: जोतीराव फुले, डॉ. आंबेडकर और राहुल सांकृत्यायन
(स्वतंत्रता, समता और भाईचारे पर आधारित आधुनिक भारत का सपना देखने वाले तीन महापुरुषों के जन्मदिन का समय है। 9…
‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे
गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के…
क्या कोरा मतिभ्रम का शिकार है आरएसएस?
कल की पुण्य प्रसून वाजपेयी की वार्ता का विषय दिलचस्प था-संघ का मोदी-विहीन एनडीए ! जो संघ एकचालिकानुवर्तित्व के केंद्रीय…
बापू के पास है घायल लोकतंत्र की औषधि
बड़ी संख्या में लोग मानने लगे हैं कि भारतीय लोकतंत्र एक संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं…
क्षेत्रीय दलों पर हमला कर राहुल गांधी ने बीजेपी को मजबूत किया है!
राहुल गांधी लड़ना बीजेपी से चाहते हैं लेकिन लड़ते हुए दिख रहे हैं क्षेत्रीय दलों से। उदयपुर के नव चिन्तन…
गांधी बनाम संघ के वैचारिक टकराव के कारण सर्वोदय सम्मेलन स्थगित
देश के सबसे बड़ी गांधीवादी संस्था अखिल भारतीय सर्व सेवा संघ का इस सप्ताह होने वाला अधिवेशन और सर्वोदय समाज…
दूसरे दलों से आए अवसरवादी नेताओं की शरणस्थली बन गई है भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना को 42 साल पूरे हो चुके हैं। 6 अप्रैल 1980 को तत्कालीन जनता पार्टी…