24 में आजादी, 35 में हिन्दू राष्ट्र; इधर सन्निपात उधर बारह बांट
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने हिसाब से भारत के इतिहास के पुनर्लेखन में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, इस देश [more…]
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने हिसाब से भारत के इतिहास के पुनर्लेखन में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, इस देश [more…]
भारतीय गणराज्य के सफ़र में कुछ राष्ट्रीय चुनाव मील के पत्थर साबित हुए हैं। आज़ाद भारत के 1951-52 के पहले चुनावों ने व्यापक तौर पर [more…]
अधूरा सच-सफेद झूठ, परनिंदा, नए-नए शिगूफे, धार्मिक व सांप्रदायिक प्रतीकों का इस्तेमाल और आत्मप्रशंसा! यही पांच प्रमुख तत्व होते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर [more…]
इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने भी भारत को समझने के [more…]
अपने निजी जीवन और पेशेवर कारणों से विवादों में रह चुके पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपने संस्मरण ‘जस्टिस फॉर जज’ को लेकर एक बार [more…]
मेरा रंग फ़ाउंडेशन के पांचवें वार्षिकोत्सव में महिला उद्यमिता पर बातचीत हुई। ‘सफलता की उड़ान’ शीर्षक से आयोजित पैनल डिस्कशन में अलग-अलग क्षेत्रों से आई [more…]
यह पहली बार हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन को किसी गंभीर चर्चा के योग्य नहीं समझा गया। यहाँ तक कि [more…]
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम यह होना चाहिए था कि वह लोगों को जागरूक करे किन्तु टीआरपी के चलते समाचार चैनल इन दिनों किसी भी खबर [more…]
जब-जब हमारी उम्मीद टूटने लगी है, तब तब एक संकेत जरूर उभरा है कि व्यक्ति स्वातंत्र्य की सुरक्षा कोई गुम हुआ अभियान नहीं है। जब [more…]
भारत का किसान लगता है जैसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जाग गया है। अपने इतने विशाल संख्या-बल के बावजूद संसदीय जनतंत्र में जिसकी आवाज का [more…]