इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और मोदी ने फिर उन्हें कॉरपोरेट को सौंप दिया
19 जुलाई के दिन को भारतीय बैंकिंग के इतिहास में एक सुनहरा दिन के तौर पर याद किया जाता है। 51 वर्ष पहले इसी दिन [more…]
19 जुलाई के दिन को भारतीय बैंकिंग के इतिहास में एक सुनहरा दिन के तौर पर याद किया जाता है। 51 वर्ष पहले इसी दिन [more…]
25 जून, 1975 को संविधान का सहारा लेकर इस देश के संवैधानिक लोकतंत्र और अवाम के साथ जो किया गया, क्या इन बीते 45 सालों [more…]
दिल्ली के रामलीला मैदान में 25 जून की शाम को रैली में जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने प्रख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता का [more…]
वेब अखबार जनचौक में छपी एक खबर के अनुसार, 2 दिन पहले आधी रात को वाराणसी में सीपीआई एमएल (लिबरेशन) के दफ्तर में बिना सर्च [more…]
आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक बेहद स्याह और शर्मनाक अध्याय….एक दु:स्वप्न…एक मनहूस कालखंड! पूरे 45 बरस हो गए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने [more…]
राजनारायण बनाम इंदिरा गाँधी, चुनाव याचिका पर जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा का फैसला कल के ही दिन यानी 12 जून, 1975 को आया था, जो [more…]
मैंने अपनी ज़िंदगी में कई तानाशाहों को चढ़ते और गिरते देखा है। आज मैं इस अप्रिय नस्ल के लोगों की पिछली पीढ़ियों को याद कर [more…]
जून-84 पंजाब कभी भुला नहीं पाया या भुलाने नहीं दिया गया। पंजाबी खास तौर से सिख लोकाचार में वह बरस किसी खंजर-सा गहरे तक धंसा [more…]
अपने पुराने मित्र और जाने-माने प्रकाशक श्याम बिहारी राय पर संस्मरण लिखते हुए (समयांतर, अप्रैल, 2020) मैं कुछ ऐसे तथ्यों पर पहुंच गया था, जिनका [more…]
जयप्रकाश नारायण (जेपी) और डॉ. राममनोहर लोहिया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दो अप्रतिम नायक और आजादी के बाद भारतीय समाजवादी आंदोलन के महानायक। [more…]