Tag: justice
न्यायपालिका और हिन्दुत्व वर्चस्ववादी परियोजना
दुनिया में जनतंत्र पर मंडराते खतरों की तरफ हाल के समय में बार-बार लिखा गया है। जानकारों ने इस बात को साफ किया है कि [more…]
संविधान की विरासत को नहीं बचा सके उसके वारिस
एक समय था, जब डॉ. अम्बेडकर हों या यहां तक कि लोहिया हों, सभी लेखन, बहस और प्रकाशन के जरिये अपनी राजनीति और वैचारिकता के [more…]
भारतीय समाज व सत्ता के लोकतांत्रिक होने की चुनौतियां और सामाजिक न्याय का सवाल
हमारे समाज और साहित्य में समता और सामाजिक न्याय के विचारों और मूल्यों की मौजूदगी काफी पहले से रही है। अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ [more…]
डॉक्टरों पर बीएनएस 105 लगाने के होंगे गंभीर परिणाम
भारत के तीन पुराने कानूनों को खत्म करके नए कानून लाए गए हैं। इनमें एक ‘भारतीय न्याय संहिता’ भी है। इसे बीएनएस कहा जाता है। [more…]
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कैसे याद किए जाएंगे?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को याद किया जाएगा: •राम मंदिर के फैसले का सह-लेखन/सह-लेखक और फिर उस पर हस्ताक्षर करने [more…]
धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर याचिकाकर्ताओं को घेरा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से इस बात को दोहराया है कि “धर्मनिरपेक्षता” और “समाजवाद” संविधान की मौलिक विशेषताएं हैं। उसने याचिकाकर्ताओं [more…]
हरियाणा चुनाव: भाजपा सरकार जा तो रही है, कांग्रेस आ रही है, लेकिन भाजपा का मजबूत आधार अभी भी कायम
कुरुक्षेत्र/हिसार/सिरसा/भिवानी। हरियाणा विधान सभा चुनाव में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत सुनिश्चित सी लग रही है। अपने बलबूते कांग्रेस सरकार बना लेगी, यही [more…]
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक लगाई रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ी पहल करते हुए बुलडोजर मामले में अगली सुनवाई की तारीख 1 अक्तूबर तक इस तरह की सभी [more…]
यतो धर्मस्ततो जयः पूजा करना ही नहीं चाहिए, करते हुए दिखना भी चाहिए
इस समय जब हमारे चारो ओर ‘न्याय चाहिए-न्याय चाहिए’ की गुहार गूंज रही है। न्याय विचार की गूंज को बड़े ध्यान से सुनना चाहिए। भारत [more…]
प्रधान न्यायाधीश और प्रधान सेवक के बीच बहती अंत:सलिला!
क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बीच कोई अंत:सलिला बहती है? क्या सचमुच कहीं कोई जुगलबंदी है? [more…]