पूरे पचहत्तर साल बाद भी हमारा लोकतंत्र अपने शैशवकाल में ही है। अक्सर पालने में पड़ा-पड़ा ‘अहंकार विसर्जन’ करता, अपने डायपर गीले करता रहता है; सोशल मीडिया और थोड़ा बहुत सामान्य मीडिया तन्त्र चीख-चीख कर जब इसे उजागर करता...
फ्रांस के राजा लुइस और रानी मैरी से लेकर हिटलर और मुसोलिनी तथा दुनिया भर के अन्य जन-विरोधी शासकों के अंत का इतिहास न तो कांग्रेसियों ने लिखा है और न ही किसी वामपंथी ने, जो देश के वर्तमान...
·बाबु हाम्रो राजा लाय परिवार सहित मारियो कसैलाय जीवित छोरे न तिम्रो पनि राजा लाय मारियो तर तिम्रो राजाका संतान र रानी त जीवित छ। तर हामरा राजाका वंश सखाप पारियों
एक जून 2001 को रात्रि भोजन के दौरान नेपाल...
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का एक ट्वीट चर्चा में है जिसमें वे नरेंद्र मोदी के लिये कह रहे हैं कि, "यह कोहिनूर हीरा भारत को 500 वर्षों बाद मिला है खोने मत देना।" यह ट्वीट 26 मई, 21 को 11.01 बजे का...
25 मई, 2020 को अमेरिका में एक घटना घटी, जिसमें एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड नाम के अश्वेत नागरिक का गला घोटने से दबाकर मार दिया गया, घटना बीच सड़क पर हुई, जिसको वहां मौजूद...
समय आज से एक हजार साल बाद की कोई शाम। एक रोबोटिक गुरु किशोर वय के विद्यार्थियों को शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से देश के राजनीतिक इतिहास का ज्ञान करा रहे हैं और साथ ही व्यवहारिक राजनीति का ऑनलाइन...
आधुनिक युग में मानव जाति की नियति तय करने वाली पश्चिमी दुनिया (साम्राज्यवादी दुनिया) विशेषकर अमेरिका ब्लैक लाइव्स मैटर नामक एक बड़े जनांदोलन की चपेट में है, 1960 के दशक में मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नेतृत्व में ब्लैक...
छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म 26 जुलाई, 1874 ई. को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनके बचपन का नाम यशवंत राव घाटगे था। उनके पिता का नाम जयसिंह राव घाटगे तथा माता का नाम राधाबाई साहेब था। कोल्हापुर...
400 वॉशिंगटन एवेन्यू मोंटेगोमेरी, अल्बामा, अमेरिका। यह सिविल राइट्स मेमोरियल का पता है। यह मेमोरियल उन लोगों की याद को सहेजता है जो अमेरिका में 1954 से लेकर 1968 के बीच नस्लीय भेदभाव मिटाने और सबको बराबर अधिकार दिलाने...
कोल्हापुर के शाहू महाराज (26 जुलाई 1874 – 6 मई 1922) को छत्रपति और राजर्षि भी कहा जाता है। यह यक़ीन करना बेहद मुश्किल है कि ऐसा कोई राजा या सामंत सचमुच था जिसकी सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता उस दौर...