हिंदी को राजभाषा नहीं बल्कि लोकभाषा बनाए रखने की जरूरत
आइए भारतीय संघ की औपचारिक आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी के राजभाषा के इस ढोंग को समाप्त करें। यह त्याग हिंदी को कोई नुकसान [more…]
आइए भारतीय संघ की औपचारिक आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी के राजभाषा के इस ढोंग को समाप्त करें। यह त्याग हिंदी को कोई नुकसान [more…]
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और एम. के स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार के बीच एक के बाद एक किसी न किसी [more…]
हिन्दी और उर्दू दो भाषा नहीं एक ही भाषा थी जिसे हिन्दोस्तानी कहा जाता था। जिस तरह आज खुशी-खुशी अंग्रेजी बाँचने को गर्वितदृष्टि से देखते [more…]
भाषा महज संवाद का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के भौतिक और ऐतिहासिक विकास से गहराई से जुड़ा हुआ है। मनुष्य के अस्तित्व को उसकी [more…]
शिमला। लंबे समय से हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण व इतिहास पर शोध कर रहे लेखक, पत्रकार गगनदीप सिंह द्वारा संपादित तीसरी किताब भाखा बहता नीर, [more…]
नई दिल्ली। ‘मेरा रंग फाउंडेशन’ के वार्षिक आयोजन में इस बार भाषा में भेदभाव पर चर्चा होगी। आगामी 7 अक्टूबर को दिल्ली के साहित्य अकादमी [more…]
मशहूर तरक्कीपसंद अदीब और नगमाकार जावेद अख्तर को इस बात पर गहरा अफसोस है कि उर्दू को सिर्फ मुसलमानों की जुबान मान लिया गया है। [more…]
देवेंद्र सत्यार्थी एक विलक्षण इंसान थे। पूरे हिंद उपमहाद्वीप में उनकी जैसी शख़्सियत शायद ही कोई हो। वे उर्दू-हिंदी-पंजाबी जुबान के अज़ीम अदीब थे। मगर [more…]
हिंदी साहित्य और आलोचना को समृद्ध करने में लगे मनीषी निरंतर यह प्रयास करते रहते हैं कि देश और दुनिया में जो कुछ भी नया [more…]
मैं जब इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र था तब मेरे मित्र कृष्णानंद के पड़ोसी छोटे उर्फ राम दुलारे ने मुझे राहुल सांकृत्यायन की लिखी एक [more…]