Friday, March 29, 2024

Lenin

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: नारा तब भी इंकलाब था- नारा आज भी इंकलाब है

'जो कोई भी कठिन श्रम से कोई चीज़ पैदा करता है, उसे यह बताने के लिए किसी खुदाई पैगाम की जरुरत नहीं कि पैदा की गयी चीज़ पर उसी का अधिकार है' यह शब्द जो अपनी जेल डायरी के...

राहुल सांकृत्यायन की रचनाओं में मिलती है विश्व दर्शन की झलक

9 अप्रैल 1893 में उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित संगीत और साहित्य की संस्कार भूमि आजमगढ़ के पन्दहा गांव में पैदा हुए राहुल सांकृत्यायन बहुभाषाविद, बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न और विलक्षण साहित्यकार, इतिहासकार, प्रखर साम्यवादी चिंतक और...

सीपीएम नेत्री शैलजा का मैगसेसे को नकारने का फैसला कितना सही?

मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के विचारों में समाजवादी समाज और समाजवादी राज्य के अंगों की जो कटी-छँटी छवियाँ थीं, उन्हें रूस में नवंबर क्रांति और सोवियत संघ के विकास के साथ पहली बार एक समग्र, एकजुट छवि की पहचान...

मानव जाति के इतिहास में रूसी क्रांति का स्थान

रूसी क्रांति के शिल्पी लेनिन के जन्मदिन (22 अप्रैल) पर रूसी क्रांति अब तक के मानव इतिहास के गर्भ से जन्मी सबसे संभावनाशील शिशु रही है। यह इतिहास की अब तक की सबसे प्रभावशाली परिघटना थी। यह आधुनिक इतिहास में...

मेरी रूस यात्रा-3: शहर ही नहीं रूस के गांव भी हैं बेहद समृद्ध

हमारा अगला पड़ाव मॉस्को से 220 किलोमीटर पूरब, रूस का लगभग 1000 साल पुराना शहर व्लादीमिर था। यहां तक की यात्रा 3 घंटे 30 मिनट में पूरी हुई। यहां पेट्रोल 50.19 रुपये प्रति लीटर है इसलिए टैक्सी उतनी महंगी...

राजा महेंद्र प्रताप ने अफगानिस्तान में बनायी थी निर्वासित सरकार

मथुरा से जब आप हाथरस की ओर चलेंगे तो हाथरस जिले में प्रवेश करते ही एक कस्बा पड़ेगा मुरसान। मुरसान एक छोटा सा कस्बा है। वहां के राजा थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह। राजा महेंद्र प्रताप उन विलक्षण और...

लाल टोपी तो सबसे पहले जेपी ने पहनी थी!

समाजवादियों की लाल टोपी विवादों में है। अब देश में टोपी पहनने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता बहुत कम बचे हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बचे हुए हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लाल टोपी पहनते हैं, और जब वे विधानसभा...

रूसी जमीन पर क्रांति के नायक लेनिन से एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की मुलाकात

भारत के स्वाधीनता संग्राम पर मार्क्सवादी विचारधारा का व्यापक प्रभाव पड़ा है। 1857 के प्रथम स्वाधीनता पर कार्ल मार्क्स ने भी एक किताब लिखी है और उस संघर्ष को उपनिवेशवाद के विरुद्ध एक प्रतिरोध कहा है। भारतीय स्वाधीनता संग्राम...

भगत सिंह के प्रिय दार्शनिक-चिंतक और साहित्यकार

अरे! बेकार की नफरत के लिए नहीं,न सम्मान के लिए, न ही अपनी पीठ पर शाबासी के लिएबल्कि लक्ष्य की महिमा के लिए,किया जो तुमने भुलाया नहीं जाएगा साढ़े तेईस वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को फांसी पर...

एक बहुवर्गीय लोकतांत्रिक मंच ही रोक सकता है बीजेपी-संघ का सांप्रदायिक रथ: अखिलेंद्र

(देश एक बड़े आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है। कोरोना संकट ने रही-सही अर्थव्यवस्था की भी कमर तोड़ दी और बात यहां तक पहुंच गई है कि राज्यों के जीएसटी के पैसे की अदायगी से भी केंद्र ने हाथ...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...