Friday, March 29, 2024

nationalism

सावरकर के राष्ट्रवाद को अम्बेडकर ने भारत के लिए ख़तरनाक क्यों कहा था?

देश के मौजूदा सत्ताधारी जब कभी मौका पाते हैं, स्वतंत्रता आंदोलन के खास कालखंड के एक विवादास्पद चरित्र-विनायक दामोदर सावरकर के महिमा-मंडन के लिए कोई न कोई नयी कथा रचते नजर आते हैं। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के...

हिंदू राष्ट्रवाद पर आयोजित अमेरिकी सम्मेलन के वक्ताओं को जान से मारने की धमकियां

नई दिल्ली। अमेरिका में हिंदू राष्ट्रवाद पर होने वाले एक अकादमिक सम्मेलन को दक्षिणपंथियों ने अपने हमले का निशाना बनाया हुआ है। इन समूहों से जुड़े लोग सम्मेलन में भागीदारी करने वालों को लगातार जान से मारने की धमकी...

क्या भारत में धर्मनिपेक्षता अतीत का अवशेष बन गई है ?

करोड़ों भारतीय आतुर थे कि हमारे देश के खिलाड़ी टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन करें और अधिक से अधिक संख्या में पदक लेकर स्वदेश लौटें। अनेक भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित खेल स्पर्धा में पदक जीते। परन्तु...

नज़ीर की नसीहत

नफरत की छुरी और मुहब्बत का गला है! अपने इस शेर को नजीर कुछ यूं पूरा करते हैं- फरमाईये ये कौन से मजहब में रवां है। नजीर यानि नजीर बनारसी  का ये शेर मौजूदा हालत पर आज यही सवाल पूछता दिख...

जब गोबर से पाला पड़ा कोरोनावायरस का!

‘‘गोबर और गोमूत्र से काम नहीं बना। कल मछली खाकर देखता हूं’’। मई के मध्य में यह साधारण सा फेसबुक पोस्ट, जो गाय के मल को कोरोना-19 के उपचार के रूप में खारिज कर रहा था, क्यों मणिपुर, इम्फाल के...

इतिहास में दुष्प्रचार और झूठ का तड़का

इतिहास के साथ दुष्प्रचार और गलतबयानी एक आम बात रही है। सत्तारूढ़ शासक अक्सर अपने विकृत और विद्रूप अतीत को छुपाना चाहते हैं और अपने बेहतर चेहरे को जनता के सामने लाना चाहते हैं। इतिहास में वे बेहतर शासक...

विचारधारा को पैजामे का नाड़ा समझती है आप

विचारधारा अब दिल्ली के बजट में एक मद भर रह गई है। आप ब्रांड देशभक्ति = 500 तिरंगे +भगत सिंह+ अंबेडकर+ योग+ एक सैनिक स्कूल + एक मिलिट्री अकादमी+ बुजुर्गों के लिए वीएचपी के निर्देशन में अयोध्या में बन...

बजट: राष्ट्रीय संपदा का कॉरपोरेट को हस्तानांतरण का रोडमैप

2021-22 का बजट सामान्य रूटीन का बजट नहीं हैं, यह खुलेआम इस बात की घोषणा करता है कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास एवं संचालन निजी क्षेत्र द्वारा ही किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। यह एक...

पुस्तक समीक्षाः देश के लोग हैं असल ‘भारत माता’

वर्तमान लोकतांत्रिक भारत राष्ट्रवाद के जिस रास्ते पर चल रहा है, उसमें ‘भारत माता’ के नाम का इस्तेमाल असहमति रखने वाले अपने ही नागरिकों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है। आखिर कौन हैं ये भारत माता?...

‘शहीद जगदेव कर्पूरी संदेश यात्रा’ के समापन पर वक्ताओं ने कहा- राष्ट्रवाद का नारा देकर बेचा जा रहा है देश

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के बैनर तले किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में जारी 'शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा' का आज 23 फरवरी को समापन के मौके पर पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बेतहाशा मूल्य...

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‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश

हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते...