व्यक्तिवाद-परिवारवाद और समाजवाद अपनी जगह, चुनाव में चाहिए संविधानवाद
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चुनाव का बहुत महत्व होता है। हम सब हर पल किसी-न-किसी तरह के चुनाव में लगे रहते हैं। सब से [more…]
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चुनाव का बहुत महत्व होता है। हम सब हर पल किसी-न-किसी तरह के चुनाव में लगे रहते हैं। सब से [more…]
लंदन। पूंजीवाद ने मार्क्सवाद को दफनाने का ऐलान काफी पहले कर दिया था। मार्क्स का दैहिक अंत हुए करीब एक सौ चालीस वर्ष हो चुके [more…]
पूंजीवाद की जय और साम्यवाद की पराजय के उद्घोष के इस दौर में वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता दार्शनिक, अर्थशास्त्री, समाजविज्ञानी और पत्रकार कार्ल मार्क्स {1818 [more…]
कल से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस शुरू हो गई है । दुनिया के कम्युनिस्ट आंदोलन के जानकारों के लिए ‘20वीं कांग्रेस’ पद [more…]
मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के विचारों में समाजवादी समाज और समाजवादी राज्य के अंगों की जो कटी-छँटी छवियाँ थीं, उन्हें रूस में नवंबर क्रांति और [more…]
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गोवा मुक्ति आंदोलन के सिपाही, पुणे से बांका (बिहार) जाकर चुनाव जीतने की ताकत रखने वाले, 128 किताबों के रचनाकार प्रख्यात संसद [more…]
हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए … इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते [more…]
अमेरिकी राजनीति-शास्त्री फ्रांसिस फुकुयामा की मशहूर किताब ‘The End of History and the Last Man’ 29 साल पहले प्रकाशित हुई थी। उसके एक साल पहले [more…]
प्रतिस्पर्धी अति-राष्ट्रवाद और प्रदर्शनकारी देशभक्ति के इस युग में, किसी न किसी प्रकार का “देशभक्त” होने से बच पाना बहुत मुश्किल है। फिर भी, एक [more…]
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की अगले महीने (8-11 नवंबर) एक विशेष बैठक होगी। खबरों के मुताबिक उसमें ‘इतिहास पर संकल्प-पत्र (resolution)’ को मंजूरी देगी। मीडिया [more…]