भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने देश को कई शानदार कलाकार, गीतकार और निर्देशक दिए। शैलेंद्र भी ऐसे ही एक गीतकार हैं, जिनकी पैदाइश इप्टा से हुई। इप्टा ने उन्हें नाम-शोहरत दी और इसके जरिए ही वे फिल्मी दुनिया...
कल यानी 30 जून के ही दिन 1930 में समाजवादी चिंतक एवं पूर्व सांसद किशन पटनायक जी का जन्म ओडिशा के भवानी पटना में हुआ था। देश ने किशन पटनायक जी को प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सम्बलपुर के सबसे युवा सांसद के तौर पर...
23 अप्रैल 2020 के ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपे अपने लेख ‘Lenin is not a figure to look up to…’ में प्रो. अपूर्वानन्द एक तीर से दो शिकार करते नजर आते हैं। वर्तमान भारतीय शासन तन्त्र की तानाशाही प्रवृत्तियों के ...
मुंबई। देश का माहौल बदला हुआ है। आजादी के समय गांधी, नेहरु और पटेल थे। बोस थे तो जेपी और लोहिया भी थे। फिर चौहत्तर आया तो जेपी सामने थे। अब वैसे कद्दावर और समर्पित जननेता तो नहीं हैं...
ख्वाजा अहमद अब्बास मुल्क के उन गिने चुने लेखकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने लेखन से पूरी दुनिया को मुहब्बत, अमन और इंसानियत का पैगाम दिया। अब्बास ने न सिर्फ फिल्मों, बल्कि पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में भी...
कोरोना संकट ने पूरे विश्व में सिर्फ और सिर्फ लाभ अर्जन की प्राथमिकता वाले पूंजीवादी ढांचे को बुरी तरीके से हिला दिया है। इसमें कोई शक-शुबहा नहीं रह गया है। इस विश्वव्यापी अभूतपूर्व संकट के सामने पूंजीवादी देश पूरी...
हवा में रहेगी मेरे ख्यालों की बिजली ये मुश्ते ए खाक है फानी रहे रहे न रहे
भगत सिंह
एक ऐसा नाम
जो खून में उतर जाता है
रोमांच से भर देता है
नसें फड़क उठती हैं
आदर्श जग उठते हैं
छोटे पन से घृणा होने...
चीन ने अपने देश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पा लिया है। ये एक सुकून देने वाली खबर है। चीन में कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आ रहा है. 34 नए मामले जरूर सामने आए हैं,...
लेख के शीर्षक में राजनीतिक पराजय से आशय देश पर नवसाम्राज्यवादी गुलामी लादने वाली राजनीति के खिलाफ खड़ी होने वाली राजनीति की पराजय से नहीं है। वह पराजय पहले ही हो चुकी है, क्योंकि देश के लगभग तमाम समाजवाद,...
किसी भी सरकार के नकेल कसने के लिए विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। लोकतंत्र में यह माना जाता है कि यदि विपक्ष कमजोर पड़ जाता है तो सरकार निरंकुश हो जाती है। आज की बात करें...