दूसरी बरसी पर विशेष: एमपी वीरेंद्र कुमार ने कभी नहीं किया विचारधारा से समझौता

केरल के सबसे बड़े मीडिया समूह मातृभूमि प्रकाशन के प्रबंध निदेशक, लोकप्रिय विधायक, सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे…

लखनऊ: सोशलिस्ट पार्टी ने की सीवर दुर्घटना में मरे सफाईकर्मियों को शहीद का दर्जा देने की मांग

लखनऊ। 29 मार्च, 2022 को 20 वर्ष के करन व 36 वर्ष के पूरन, दोनों अनुसूचित जाति में आने वाली…

अब सचमुच नव-उदारवाद की कब्रगाह बनेगा चिली?

चिली वामपंथी राष्ट्रपति चुनने वाला इस साल (2021) तीसरा लैटिन अमेरिकी देश बना है। चिली के इतिहास की वजह से…

स्मृति दिवस: मामा बालेश्वर ने कराया था रियासतों में बेगारी प्रथा और स्वतंत्र भारत में जागीरदारी प्रथा का खात्मा

मामाजी बालेश्वर दयाल जी का 26 दिसंबर को 23 वां स्मृति दिवस है। आज 25 दिसंबर की रात मामा जी…

जुगनू शारदेय: स्वाभिमान का सूरज और यायावरी का बादल

जुगनू शारदेय अब इस दुनिया में नहीं हैं। दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर श्मशान घाट पर जब उनकी चिता ठंडी हो…

संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ने पर जस्टिस पंकज मित्तल को आपत्ति

पता नहीं संविधान को सर्वोपरि मानने वाले भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यह नोटिस किया या नहीं कि…

राजनीति और धर्म का गठबंधन सबसे ज़्यादा ख़तरनाक़: नेहरू

पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय योगदान है। परतंत्र भारत में पंडित नेहरू की अहमियत जहां देश…

अक्टूबर क्रांति ने मोड़ दी थी दुनिया के इतिहास की धारा

अलेक्जेंडर रोबिनविच रूसी क्रांति और गृह युद्ध के जाने-माने इतिहासकार रहे हैं। उनके और रेक्स ए. वेड जैसे विशेषज्ञों की…

डॉ.लोहिया के ‘गैर कांग्रेसवाद’ के नारे पर खेल रहे हैं पीएम मोदी

आज जिस ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल रहे हैं। असल में यह डॉ. राम मनोहर लोहिया…

स्व-श्रेष्ठता के दंभ में हर किसी को खारिज करने के खतरे

अभी हाल की बात है, एक दिन मैंने अपने फेसबुक पेज पर दक्षिणपंथी खेमे के एक वरिष्ठ संपादक की असमय…