क्या तीसरी बार भी ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं बिकने दूंगा’ थीम सांग बनेगा?

बॉलीवुड के मशहूर गीतकार, प्रसून जोशी का एक गीत पिछले 10 साल से देश के चुनावों में बेहद लोकप्रिय रहा।…

प्रेम धवन, जिनके गाने आज भी लोगों को देश प्रेम के रंग में डुबो देते हैं

प्रेम धवन की शिनाख़्त एक वतनपरस्त गीतकार की रही है। जिन्होंने अपने गीतों से देशवासियों में वतनपरस्ती का जज़्बा जगाया।…

स्मृति दिवस पर विशेष: ‘बेड़ु पाको’ के बहाने पहाड़ी लोक के चितेरे मोहन उप्रेती की याद

”बेड़ु पाको बारामासा.. ओ नरैण काफल पाको चैता.. मेरी छैला.. रूण-भूणा दीन आया.. ओ नरैण मैं पुजै दे मैत.. मेरी…

‘ढाई आखर प्रेम के’ यात्रा: दुनिया लोग बदलते हैं, यह लोगों को याद दिलाना है

कोविड के सामाजिक दूरी बनाये रखने के दौर के ख़त्म हो जाने पर 4-5 दिसंबर 2021 को भारतीय जन नाट्य…

जीते जी किसी के सामने न झुकने वाले मज़रूह को मौत के बाद झुकाने की कोशिश

मजरूह सुल्तानपुरी के गृह जनपद सुल्तानपुर जिसके कुशभवनपुर होंने की चर्चा आम है, में एक पार्क इस इंक़लाबी शायर के…

ऐसा आसां नहीं है सागर सरहदी होना

अभी-अभी इलाहाबाद के रंगकर्मी प्रवीण से खबर मिली कि सागर सरहदी नहीं रहे। सागर साहब मुंबई में थे, वहीं आज…

जयंती पर विशेष: खुमार बाराबंकवी, जिनकी शायरी का खुमार आज भी दिल से उतारे नहीं उतरता

खुमार बाराबंकवी का शुमार मुल्क के उन आलातरीन शायरों में होता है, जिनकी शानदार शायरी का खुमार एक लंबे अरसे…

जन्मदिन पर विशेष: अमीर ख़ान; राह चलता फकीर जिसका जहान संगीत में ही बनता, खुलता और बंद होता था!

अमीर ख़ान का गाना सुनते हुए आप सबसे पहले क्या राय बनाते हैं उनके बारे में? क्या बना सकते हैं?…

जिसकी धुन में राग-रागिनी ही नहीं हिस्ट्री-ज्योग्राफ़ी भी

राग-रागिनी के नोट्स बनाना और उसे रियाज़ के ज़रिये अपने मौसिक़ी में उतार लेना एक बात है, मगर राग-रागिनी को…