मेरा बचपन पूर्व-आधुनिक, ग्रामीण, वर्णाश्रमी, सामंती परिवेश में बीता, हल्की-फुल्की दरारों के बावजूद वर्णाश्रम प्रणाली व्यवहार में थी। सभी पारंपरिक, खासकर ग्रामीण, समाजों में पारस्परिक सहयोग की सामूहिकता की संस्थाएं होती थीं। हमारे गांव में भी पारस्परिक सहयोग और...
वर्षा के न होने की वजह से अकाल व सुखाड़ का असर झारखंड के गांवों में दिखने लगा है। जिसकी वजह से कृषि संबंधित कार्यों में हो रही दिक्कतों से गांव के मजदूर परिवारों की रोजी-रोटी की समस्या विराट रूप धारण...
आधी रात के समय बिहार के समस्तीपुर जिले की भागपुरा पंचायत के एक गांव चटोली के तालाब के पास कुछ पचास लोग बड़ी ही व्याकुलता और चिंता के साथ चर्चा कर रहे थे। वह यहाँ इकट्ठे हुए थे अपने...
मुरैना जिले के बस्तौली गाँव के गयाराम सिंह धाकड़ को समझ ही नहीं आ रहा है कि सरसों के उम्मीद से कहीं ज्यादा अच्छे भाव मिलने के बाद भी उनका सारा बजट कैसे गड़बड़ा गया। खर्चे अभी भी पूरे...
हरियाणा में ज़ोर पकड़ते किसान आंदोलन और गाँवों में भाजपा नेताओं, राज्य के मंत्रियों को घुसने नहीं देने की घटनाओं के बीच इसका मुक़ाबला करने की रणनीति आरएसएस-भाजपा ने अलग तरह से तैयार की है। इसके लिए कोरोना की...
देवरिया। कोरोना की दूसरे लहर व इसकी तबाही से अब कोई गांव अछूता नहीं रह गया है। जिन गांवों की गलियों में बच्चों की खिलखिलाहट, नौजवानों की मटर गस्ती, बुजुर्गों की पंचायत दिखती थी अब यह सब खामोशी की...
बिहार के “बक्सर” जिले के हर गांव में खड़े पीपल के पेड़ गवाही दे रहे हैं कि किस गांव में कितनी मौतें हुयी हैं। क्योंकि हर गांव में एक पीपल का पेड़ ऐसा होता है जिस पर गांव में...
बस्तर। कहते हैं ग्रामीण भारत में संसाधनों की कमी नहीं होती। जरूरत के हिसाब से वो अपने आस-पास की चीजों से अपनी जरूरत पूरी कर लेते हैं। अभी देश में वैश्विक कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है। इसकी...