Sunday, April 28, 2024

ग्राउंड रिपोर्ट: मोदी के बनारस समेत पूरे पूर्वांचल में डेंगू का कहर, फिसड्डी साबित हो रही सरकार की तैयारी

वाराणसी, पूर्वांचल। बनारस में जल जमाव, गंदगी और मौसमी उलटफेर से नागरिकों का स्वास्थ्य हर मोर्चे पर ढेर हो रहा है। कमोबेश सभी के घर में सर्दी-जुकाम और अस्पतालों में वायरल से पीड़ित मरीजों की लंबी कतार लग रही है। वहीं डेंगू की मार लोगों को बेजार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत मिर्जापुर, सोनभद्र, आजमगढ़, चंदौली आदि जिलों के अस्पतालों में पर्ची काउंटर से लेकर ब्लड जांच सेंटर पर भारी भीड़ उमड़ रही है।

वार्ड व बेड भरे होने के चलते मरीजों को भर्ती कराने के लिए तीमारदारों को दिन-रात एक करना पड़ रहा है। वाराणसी जिला मलेरिया अधिकारी के मुताबिक बुधवार तक डेंगू पीड़ितों की संख्या सौ के पार हो चुकी है।

अस्पतालों में इलाज के साथ डेंगू के मच्छरों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य महकमा शहर में 70 हॉट स्पॉट और 62 गांवों को चिन्हित कर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करने का दावा कर रहा है। इसमें से डेंगू की चपेट में आने वाले अधिकतर मरीज शहरी इलाकों से हैं। यह सिलसिला अभी थमा नहीं है।

ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि सभी सुविधाओं से लैस स्मार्ट शहर में डेंगू के आतंक पर कारगर तरीके से रोक क्यों नहीं लगाई जा सकी है। स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की सफाई व्यवस्था, फॉगिंग, लार्वा नष्ट करने के अभियान, ब्लिचिंग पाउडर और जागरूकता अभियान डेंगू के डंक के आगे फिसड्डी साबित हो रहे हैं।

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल का डेंगू वार्ड।

बनारस में डेंगू और वायरल से पीड़ित मरीजों की बाढ़

मरीजों की तेजी से बढ़ती तादात का आलम यह है कि मंगलवार को जनपद के सिर्फ दो बड़े अस्पतालों में साढ़े तीन हजार पर्चे कटे तो वहीं डेढ़ हजार से अधिक मरीज अपने तीमारदारों के साथ फॉलोअप के लिए डॉक्टरों की ओपीडी तक भागदौड़ करते रहे। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में लगभग 1,500 मरीज नए पर्चे के और 600 मरीज पुराने पर्चे के साथ इलाज कराने पहुंचे।

पांडेयपुर स्थित डीडीयू जिला अस्पताल में 1,965 नए पर्चे बने तो वहीं 800 मरीज पुराने पर्चे के साथ अपने मर्ज के उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। इनमें से अधिकतर को जांच और दवा के बाद घर पर आराम करने की सलाह दी गई। तो कई गंभीर रोगियों को खाली बेड पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

अस्पतालों में भीड़

डेंगू से पीड़ित बेटे फैज को लेकर मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड के बेड नंबर आठ पर भर्ती गंगापुर टाउन के फिरोज खान ‘जनचौक’ से कहते हैं कि “अपने घर के आसपास इलाज कराये तो बेटे को आराम नहीं हुआ। दिनों दिन तबीयत बिगड़ती ही जा रही थी। हम लोग आनन-फानन में बेटे को लेकर अस्पताल आए। डॉक्टर ने देखा तो भर्ती कराने के लिए कहा, लेकिन एक नर्स ने कहा कि यहां बेड खाली नहीं है। हम लोग मायूस हो गए। मैंने अपनी समस्या को अपने एक रिश्तेदार को बताई तो उन्होंने दौड़-भागकर बेटे को यहां भर्ती कराया।”

डेंगू से पीड़ित बेटे फैज के साथ तीमारदार फिरोज।

फिरोज कहते हैं कि “यहां की व्यवस्था ठीक है। अब बेटे का स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो गया है। आज डॉक्टर डिस्चार्ज करने वाले हैं। हमारे मोहल्ले और आसपास के एरिया में सड़क बन रही है। सड़क निर्माण संस्था ने सड़क किनारे बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए हैं। जिनमें बारिश का पानी जमा है। कई स्थानों पर यह पानी सड़ रहा है। इनमें मच्छर पनप रहे हैं। इतना ही नहीं गड्ढे होने की वजह से आवागमन में परेशानी होती है।”

मच्छरों ने किया जीना हराम

बड़ी पियरी के अजय विगत कई दिनों से सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित थे। स्थानीय चिकित्सक से इलाज के बाद भी सुधार नहीं होने पर तीमारदार दो दिन पहले मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराये हैं। अब इलाज चल रहा है, इससे उनको थोड़ा आराम है। अजय कहते हैं, “हलकी बारिश के बाद निकल रही तेज धूप से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। मोहल्ले में उचित साफ-सफाई और फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों की बाढ़ सी आ गई है। यह मच्छर लोगों के घरों में जाकर बीमारी फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। नगर निगम और स्वास्थ्य महकमे को साफ-सफाई और फॉगिंग पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।”

ट्रैफिक जाम की वजह से यहां आना पड़ा

ममता को भी डेंगू है। उन्हें डॉक्टर ने बीएचयू के लिए रेफर किया था, लेकिन ट्रैफिक जाम होने की वजह से उनको मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती होना पड़ा। वह तकरीबन 11 दिनों से भर्ती हैं। वह बताती है कि “गांव में अचानक मेरी तबीयत बिगड़ गई। ना मुझसे कुछ खाया-पीया जा रहा था और न ही कुछ सूझ रहा था। परिवार वाले मुझे बीएचयू लेकर जाने वाले थे। लेकिन रास्ते में भयंकर जाम लगे होने की वजह से मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज ठीक मिला। अब स्थिति पहले से बेहतर है।”

डेंगू मरीज ममता।

प्लेटलेट्स के लिए भागदौड़

वायरल फीवर और डेंगू के लक्षण वाले बढ़ते मरीजों के चलते दोनों अस्पतालों के बेड फुल हो गए हैं। मंडलीय अस्पताल में 316 तो जिला अस्पताल में 250 बेड हैं। लिहाजा, पुराने मरीजों को आराम होने के बाद उन्हें दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है, ताकि नए गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके।

शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद वाराणसी के कई चिकित्सा केंद्रों पर प्लेटलेट्स को लेकर भी मरीज के परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डेंगू मरीज और तीमारदारों को प्लेटलेट्स की डिमांड के सापेक्ष प्लेटलेट्स की उपलब्धता नहीं होने से काफी भागदौड़ करनी पड़ रही है।”

डरे-सहमे हैं प्रतियोगी छात्र

बीएचयू के समीप लंका-छित्तूपुर में रहकर सेना और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले वाले छात्र अजय, रोहित, गोलू, आनंद, रवि और रविंद्र इन दिनों मच्छरों के आतंक और गन्दगी से परेशान हैं। छात्र अजय बताते हैं कि “मच्छर और दूषित वातावरण के चलते मोहल्ले में रहना दुश्वार हो गया है। बारिश और तेज धूप से मच्छरों की भरमार है, जो दिन-रात कमरे में घूमते रहते हैं और मौका पाते ही डंक मारते हैं। मॉस्क्यूटो क्वाइल आदि के जलाने पर भी मच्छरों पर कोई असर नहीं होता है। रात में बिजली कटौती से तबीयत पस्त हो जाती है।

अपनी जांच रिपोर्ट दिखाते बीमार अजय व साथ में रोहित व किशन।

अजय कहते हैं कि “गत सोमवार को अचानक मेरा पूरा बदन दर्द से टूटने लगा और बुखार से बदन तपने लगा। दवा आदि लेने पर भी आराम नहीं हुआ। मुगलसराय में चिकित्सक को दिखाया तो उसने ब्लड टेस्ट किया। मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, प्लेटलेट्स समेत कई जांच करनी पड़ीं, जिसमें हजारों रुपये खर्च हो गए। डॉक्टर ने सही समय पर दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह दी। मेरी बीमारी का जिम्मेदार सीधे तौर पर नगर निगम और स्वास्थ्य महकमा है। यदि नगर निगम कूड़े की सफाई नियमित रूप से करता और स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग किया होता तो शायद मेरी तबीयत ख़राब नहीं होती।”   

वाराणसी में डेंगू मरीजों के आंकड़े

डेंगू के वर्षवार आंकड़ें

2018 में 650

2019 में 525

2020 में कोविडकाल

2021 में 350

2022 में 400

2023 में 101 अबतक

क्या कहते हैं अधिकारी?

वाराणसी जिला मलेरिया अधिकारी डॉ एससी पांडेय ने “जनचौक” को बताया कि “वर्तमान में डेंगू मरीजों की संख्या 101 हो चुकी है। डेंगू के हाटस्पॉट पर नजर रखी जा रही है। डेंगू प्रभावित इलाकों में वाहक मच्छरों का सफाया किया जा रहा है, ताकि अगले साल डेंगू के केसेज न के बराबर हों। शहर में कंजेस्टेड मानव सेटलमेंट, वेस्टेज, खाली प्लॉट और वाटर लागिंग के चलते शहरी इलाकों में अधिक केस मिले। रोकथाम अभियान और अवेयरनेस से डेंगू को कंट्रोल किया जा रहा है।”

फॉगिंग करता स्वास्थ्य कर्मी।

चंदौली में भी पांव पसार रहा डेंगू

चंदौली जनपद में डेंगू पांव पसार रहा है। मलेरिया अधिकारी ने बताया कि “जिले में डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बीमारी के संक्रमण को देखते हुए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू वार्ड बनाने के लिए कहा गया है। जिला अस्पताल में छह बेड का वार्ड बना है, जहां तीन मरीज भर्ती हैं। डेंगू वार्ड में मच्छरदानी लगाना अनिवार्य है। मरीज बढ़ने पर महिला विंग अस्पताल में 20 बेड के डेंगू वार्ड बनाने की तैयारी है। जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में छह मरीज भर्ती हैं। इनमें से तीन ही डेंगू के हैं।”

सोनभद्र में भी डेंगू के आतंक की दस्तक

राबर्ट्सगंज नगर के उरमौरा निवासी प्रमोद सिंह (45) को मंगलवार की सुबह जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया। उन्हें तेज बुखार था। कमजोरी महसूस होने पर परिजनाें ने उनकी जांच कराई तो डेंगू के लक्षण मिलने पर डॉक्टर सतर्क हो गए। प्रमोद नगर के एक प्रमुख विद्यालय में शिक्षक भी हैं।

उधर, म्योरपुर सीएचसी अंतर्गत पिपरी से सागर प्रताप (19) को डेंगू पीड़ित होने पर मंगलवार को भर्ती किया गया। इससे पूर्व सोमवार को रेणुकूट रेलवे कॉलोनी में एक मरीज मिला था। लगातार दूसरे दिन भी डेंगू पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

वायरल बुखार से पीड़ित बड़ी पियरी के अजय।

मिर्जापुर में डेंगू वार्ड फुल

मिर्जापुर में डेंगू रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सर्वाधिक मरीज नगर क्षेत्र के आ रहे हैं। बुखार, सिरदर्द, उल्टी के मरीजों से डेंगू वार्ड के सभी बेड भरे हैं। प्रतिदिन बुखार के करीब 700 मरीज मंडलीय चिकित्सालय में पहुंच रहे हैं। 155 बेड के अस्पताल में 354 बेड बनाए गए हैं।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर. बी. कमल ने बताया कि सीएमओ को डेंगू से पीड़ित मरीजों के इलाके में रोकथाम के उपाय के लिए लिखा गया है। बुखार से पीड़ित मरीजों की भारी संख्या मंडलीय अस्पताल पहुंच रही है। बथुआ वार्ड के डंगहर मोहल्ले से एक ही परिवार के 5 लोगों को भर्ती कराया गया है। अस्पताल में कुल 36 मरीज डेंगू के भर्ती हैं। तबीयत ठीक होने पर जनरल वार्ड में भेज कर बेड खाली कराया जा रहा है। मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।

आजमगढ़ में अबतक 14 डेंगू मरीज

आजमगढ़ जनपद में बढ़ते डेंगू के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इस वर्ष जिले में कुल 14 मरीज सामने आ चुके हैं। मच्छरों की भरमार ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। नगर क्षेत्र के किसी मुहल्ले में फॉगिंग नहीं हुई। चिकित्सक कहते हैं कि क्षेत्रों में रुक-रुक कर फॉगिंग करवाने से कोई लाभ नहीं है।

अस्पतालों के पर्ची काउंटर पर भीड़।

स्वास्थ्य विभाग की नागरिकों से अपील

स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि डेंगू के प्रकोप के देखते हुए वो इन बातों का विशेष ध्यान रखें..

  • घरों के आसपास जल जमाव न होने दें।
  • छत पर एवं घर के अंदर अनुपयोगी डिब्बे, पात्र जिसमें जल एकत्र हो सकता हो उसे खाली कर दें।
  • कूलर में पानी न रहने दें या हर दूसरे दिन पानी बदलते रहें।
  • फ्रिज के पीछे प्लेट में पानी एकत्र न होने दें।
  • गमलों, नारियल के खोल, अनुपयोगी टायर और टंकी को जरूर साफ करवाते रहें, एवं उनमें पानी एकत्र न होने दें।
  • मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
  • पूरी बांह के कपड़े पहने।

(वाराणसी और पूर्वांचल से पवन कुमार मौर्य की ग्राउंड रिपोर्ट।)  

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