Friday, April 26, 2024

NDA

बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सब कुछ ठीक नहीं

बिहार में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यू) और उनकी सहयोगी अन्य छोटी पार्टियों के नेता भले ही एनडीए की एकजुटता और सभी 40 सीटें जीतने का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि इस बार एनडीए...

कांग्रेस की ठोस गारंटियां मोदी के जुमलों पर भारी पड़ेंगी

कांग्रेस ने अपना जो घोषणापत्र पेश किया है, उसकी जनकल्याण की आकर्षक गारंटियों ने हलचल पैदा की है। घोषणापत्र जारी होते समय एक पत्रकार के पूछने पर कि क्या यह चुनाव मोदी की गारंटी और कांग्रेस की गारंटी...

आखिर बीजेपी को इस बार सत्ता क्यों जरूरी है ?

सत्ता तो सभी को चाहिए। सत्ता के बिना राजनीति कैसी? धनधारी और राजदार जब एक हो जाते हैं तो कोई भी सत्ता ज्यादा मुश्किल नहीं होती। लोकतंत्र में कहने के लिए भले ही जनता मालिक है लेकिन मालिक की...

लोकतंत्र की आंख में पानी बचाने और तालाब में ‎नया पानी ‎भरने के लिए ‎चुनाव

सामने 2024 का आम चुनाव है। केंद्रीय चुनाव आयोग मन-प्राण और प्राण-पण से स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भय एवं दबाव से मुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न करवाने के लिए संघर्ष का समान अवसर (Level Playing Field)‎ बनाने में कोई कोताही नहीं...

सोनम वांग्चुक आजकल यूपीए के दिनों को क्यों रह-रहकर कर रहे हैं याद?

हिंदी सिनेमा के इतिहास में सर्वकालिक पसंदीदा फिल्मों में से एक ‘3 इडियट्स’ के मुख्य किरदार फुंसुक वांगडू को भला कौन भुला सकता है? एक ऐसा अनोखा व्यक्तित्व जिसने कभी भी रट्टू तोता बनने के बजाय हमेशा दिमाग की...

स्कॉटलैंड से नीतीश की बिहार की राजनीति पर नज़र और बिहार एनडीए में मचा बवाल

बिहार एनडीए के भीतर बवाल मचा हुआ है। बवाल तो महाराष्ट्र में भी है। महाराष्ट्र एनडीए में सीट बंटवारे के नाम पर बीजेपी घटक दलों को आश्वासन तो दे रही है लेकिन शिंदे शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी...

ओडिशा में बीजेडी-बीजेपी के पुनर्मिलन के पीछे की वजह क्या है?

‘एक अकेला सब पर भारी’ का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के द्वारा गठबंधन बना लेने के बाद ही अपने इस दावे को दरकिनार कर मरणासन्न पड़ चुके एनडीए के धड़ों की सुध ली थी।...

‘अकाली एकता’: बदले पंजाब के सियासी समीकरण

सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले संयुक्त अकाली दल का विलय सुखबीर सिंह बादल की प्रधानगी वाले शिरोमणि अकाली दल में हो गया है। पंजाब की पंथक राजनीति में यह एक अहम मोड़ है। इससे परंपरागत अकाली दल काफ़ी...

बिको, बिको जल्दी बिको, अब न बिकोगे तो कब बिकोगे!

क्या चल रहा है, हमारे आस-पास! सब कुछ हरा-भरा है। बहुत पहले गालिब ने कहा था, हम हैं वहां, जहां हम को भी हमारी खबर नहीं आती। लोग एक-दूसरे से पूछते हैं- कैसी हवा है? हवा दगाबाज नारों को...

भारत रत्न बना राजनीतिक सहयोगी फंसाने का चारा !

बाकी भले देश की माली और समाजी दरो-दीवारों पर सब्जा उग रहा हो और सारी उम्मीदें बयाबां में मुंह छुपाये खड़ी हों, घर में भारत रत्नों की बहार सी जरूर आयी दिख रही है। अभी वर्ष का दूसरा महीना...

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‎केवल सात सेकेंड की शक्ति से झूठ-सच के अदल-बदल का खेल खत्म हो ‎सकता है! 

अब 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर मजबूत सरकार का मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया...