झारखंड के जज की हत्या के बाद जजों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान

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धनबाद में जज की संदिग्ध मौत पर उच्चतम न्यायालय ने संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। पीठ ने कहा कि देश भर में न्यायिक अधिकारियों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। हम उनकी सुरक्षा के व्यापक विषय पर सुनवाई करेंगे। पीठ ने कहा है कि हाल ही में अदालत परिसर के अंदर और बाहर न्यायिक अधिकारियों और वकीलों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के मुद्दों पर विचार करने की जरूरत है।

पीठ ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी झारखंड में अदालत परिसर के अंदर और बाहर कानून-व्यवस्था की स्थिति का भी ब्योरा देंगे। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वो झारखंड हाईकोर्ट की कार्यवाही में दखल नहीं दे रहा है।

चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि वो अदालत के बाहर और अदालत परिसर के अंदर जजों की सुरक्षा को लेकर मामले की सुनवाई करेंगे। उच्चतम न्यायालय ये सुनिश्चित करेगा की निचली अदालत में जज बिना किसी भय के काम कर पाएं। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उसके आदेश से झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष मामले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उच्च न्यायालय अपने द्वारा शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले में कार्यवाही जारी रख सकता है। उनकी मृत्यु के बाद, झारखंड उच्च न्यायालय ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और मामले की निगरानी कर रहा है।

धनबाद में मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की मामले का हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए शहर के आला पुलिस अधिकारियों को तलब किया है। आनंद की सड़क हादसे में मौत के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज ने हत्या की आशंका को गहरा दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। बार एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि इस मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, उसके पीछे बड़ी साजिश हो सकती है।

मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हादसे में मौत का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उससे काफी हद तक यह स्पष्ट हुआ है कि ऑटो ने टक्कर जानबूझकर मारी। पूर्व विधायक के करीबी रंजय हत्याकांड जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई करने वाले जज की मौत को हत्या का मामला मानकर पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने चीफ जस्टिस के सामने यह मामला रखा था। उन्होंने कहा था कि ये न्यायिक आजादी पर हमला है। अगर न्यायपालिका को स्वतंत्र रहना है तो जजों को सुरक्षित रखना होगा। एक जज की इस तरह से हत्या नहीं की जा सकती है। इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए, क्योंकि लोकल पुलिस की इसमें मिलीभगत हो सकती है।

झारखंड पुलिस ने न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में 2 ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया है। लखन ने स्वीकार किया है कि उसने ऑटो से जज को धक्का मारा था। इस मामले की जांच के लिए एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर की अगुआई में SIT का गठन किया गया है।

धनबाद पुलिस ने जज को टक्कर मारने वाले ऑटो को बुधवार देर रात गिरिडीह से बरामद कर लिया। जांच में पता चला है कि ऑटो मंगलवार को चोरी हुआ था और बुधवार सुबह 5.08 बजे जज उत्तम आनंद को टक्कर मार दी गई। वे सुबह पांच बजे वॉक पर निकले थे। बाद में घर से कुछ दूरी पर ही वे खून से लथपथ मिले। घटना के डेढ़ घंटे के बाद कुछ युवकों ने जज को अस्पताल पहुंचाया। वहां इमरजेंसी में घंटे भर इलाज के बाद उन्हें सर्जिकल आईसीयू में भर्ती किया गया और सुबह 9.30 बजे उनकी मौत हो गई।

जज उत्तम आनंद झरिया विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की हत्या के मामले सहित कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई कर रहे थे। इसके अलावा, उसने हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक अपराधी/गैंगस्टर अमन सिंह के एक गिरोह के दो सदस्यों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के शक का दायरा कोल माफिया कम राजनेता सूर्यदेव सिंह के रक्तरंजित परिवार की ओर जाता दिख रहा है।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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