इस साल फरवरी में बीएमसी (ब्रह्न्न मुंबई कार्पोरेशन) चुनाव नतीजों के ठीक अगले दिन, मुंबई की एक लोकल ट्रेन में, कुछ सब्जी वाले स्थानीय मुंबईकरों और भय्यों यानी मराठियों और हिंदी बोलने वालों के बीच होने वाली तू-तू–मैं-मैं का मैंने...
लखनऊ। ऐसे समय में जबकि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गयी है। आक्सीजन के सिलेंडरों के समय से आपूर्ति न हो पाने के पीछे पैसे की कमी प्रमुख कारण रहा है। तब...
अहमदाबाद। शनिवार को चंद्रकांत दरू मेमोरियल ट्रस्ट ने एनडीटीवी के पत्रकार रविश कुमार को निडर पत्रकारिता के लिए चन्द्रकांत दरू मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया। इससे पहले पत्रकारिता के लिए अरुण शौरी, बंधुआ मजदूरों की मुक्ति पर काम करने...
चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को एक युवती से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि विकास और उसके साथी आशीष ने शुक्रवार देर रात...
चालीस साल की बसासत का एक शांतिप्रिय शहर पल भर में तहस नहस हो जाता है। 28 लोगों के खून से सनी मेरे इस खूबसूरत शहर की मिट्टी का दर्द क्यों कोई जाने। उन्हें बस जुमलेफेंकने आते हैं। अजीबो-गरीब तर्क देने आते हैं। वे कुर्सी पर काबिज रह कर भी जवाबदेही से बचना चाहते हैं। प्रश्न गहरे हैं और हमारी बेचैनियां उस से भी ज्यादा गहरी हैं। क्योंकि उन प्रश्नोंके उत्तर हमारे पास नहीं हैं। हमने एक अरसे से एक आदत बना रखी है कि धर्म और संस्कृति से जुड़े सवालों को हम या तो अंधभक्ति से सुलझाना चाहते हैं या राजनेताओं की बिसात परबिछी शतरंज की चालों के द्वारा। दोनों तरीकों से प्रश्न और उलझते हैं। हम और अकेले हो जाते हैं। संस्कृति के मानवीय मूल्य तक हमारा साथ छोड़ने की हद तक चले गए दिखाई देते हैंऔर हमारे साथ जो खेल खेला जा रहा होता है उसके नायक या तो व्याभिचारी बाबा होते हैं या भ्रष्ट राजनेता। इन दोनों की मिलीभक्त से मेरे प्रिय शहर का जो हाल हुआ उसे मैंने अपनीआँखों से देखा। इन आँखों में अब आंसू भी नहीं हैं। आँखे बस घूर रही हैं अजनबी हो गयी मानवीय संवेदनाओं को। किस के पास इसका उत्तर है?
मन बहुत आहत है...
कल के घटनाक्रम से मन आहत है। आज की सुबह पहले जैसी न थी। हवाओं में खून से सनी गंध महसूस की जा सकती थी। अखबारों के पन्ने बलात्कारी बाबा और नकारा सरकार की...
जंगलराज के लिए कभी यूपी और बिहार बदनाम था लेकिन गुजरात ने अब इनको बहुत पीछे छोड़ दिया है। जंगलराज अगर अपराधियों, गुंडों और माफियाओं का हो तो एक बात है लेकिन यहां तो पुलिस ही बर्बरता की नयी...
आख़िरकार खुदकुशी के दसवें दिन भावनगर के धीरूभाई गुजराती का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
परिजनों और गांव वालों का दबाव काम आया और प्रशासन को उनकी कुछ बातों को मानने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसके बाद परिजनों ने...
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने कई संदेश दिए हैं। भुवनेश्वर में बैठक रखने के पीछे एक खास मकसद ओड़िसा में सत्ता की दावेदारी पेश करना था। साथ ही उत्तर-पूर्व में अपने विस्तार के लिहाज से भी इसका विशेष महत्व...
बीजेपी देश में एक के बाद दूसरा किला फतह करती जा रही है और पूरा विपक्ष भौचक है। ऐसा कहा जा रहा है कि कलिंगा पर कब्जे के लिए ही कार्यकारिणी की बैठक को भुवनेश्वर में रखा गया है।...
श्रीनगर/बडगाम। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल के एक जवान की पिटाई का वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है। इसमें एक युवक को सीआरपीएफ के जवान सेना की गाड़ी के बोनट पर आगे...