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संस्कृति-समाज

जन्म दिवस विशेष: ‘अंगारे’ के अहम अफ़साना निगार अहमद अली

हिंदुस्तानी अदब में प्रोफ़ेसर अहमद अली की पहचान ‘अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ’ के संस्थापक सदस्य और ‘अंगारे’ के अफ़साना निगार के तौर पर होती [more…]

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संस्कृति-समाज

जनकवि नागार्जुन जन्म दिवस विशेष: ‘जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं’

‘जनता पूछ रही क्या बतलाऊं, जनकवि हूं साफ़ कहूंगा क्यों हकलाऊं।’ ये पंक्तियां बाबा नागार्जुन की कविता की हैं। इसमें वे स्पष्ट शब्दों में कहते [more…]

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संस्कृति-समाज

तृप्ति मित्रा : इप्टा के इब्तिदाई दौर की अदाकारा

तृप्ति मित्रा, भारतीय जन नाट्य संघ यानी इप्टा से इब्तिदाई दौर में जुड़ने वाली अदाकारा में से एक हैं। जिन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से न [more…]

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संस्कृति-समाज

उद्भावना नेहरू विशेषांक: गालियां खा के बेमज़ा न हुआ

‘उद्भावना’, हिन्दी-उर्दू साहित्य पर केन्द्रित एक वैचारिक पत्रिका है। मैंने इसमें ‘उर्दू साहित्य’ का समावेश इसलिए किया है कि ‘उद्भावना’ ने समय-समय पर उर्दू अदब [more…]

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संस्कृति-समाज

फ़िल्म निर्देशक मृणाल सेन का जन्मदिवस: हमें निरंतर इतिहास का पुनर्निरूपण करते रहना चाहिए

भारतीय सिनेमा में मृणाल सेन एक ऐसे निर्देशक हुए हैं, जिन्होंने अपनी प्रयोगशील और समाजी-सियासी तौर पर प्रतिबद्ध फ़िल्मों से समाज को एक दिशा प्रदान [more…]

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संस्कृति-समाज

मजनूं गोरखपुरी की शख़्सियत एक संस्था की हैसियत रखती थी 

मजनूं गोरखपुरी की शख़्सियत एक संस्था की हैसियत रखती थी तरक़्क़ीपसंद तहरीक में मजनूं गोरखपुरी का नाम बड़े अदब के साथ लिया जाता है। तहरीक के [more…]

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संस्कृति-समाज

पुस्तक समीक्षा: लोक शाहीर अण्णा भाऊ साठे की संघर्षमय ज़िंदगी और अदबी कारनामे

अण्णा भाऊ साठे की पहचान एक लोक शाहीर की है। जिन्होंने ‘स्टालिनग्राड’ ‘तेलंगणा’ जैसे जोशीले पंवाड़े और तमाशे रचे। ‘अकलेची गोष्ट’, ‘मौन जुलूस’, ‘तिरसठ नंबर [more…]

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संस्कृति-समाज

स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत मिली। दुनिया भर में धूम मचाने [more…]

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संस्कृति-समाज

स्मृति शेष : जन कलाकार बलराज साहनी

अपनी लाजवाब अदाकारी और समाजी—सियासी सरोकारों के लिए जाने—पहचाने जाने वाले बलराज साहनी सांस्कृतिक कार्यों के ज़रिए ही देश की आजादी में अपना योगदान देना [more…]

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संस्कृति-समाज

प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना और प्रेमचंद

9 अप्रैल, प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस है। साल 1936 में इसी तारीख को लखनऊ के मशहूर ‘रिफ़ाह-ए-आम’ क्लब में प्रगतिशील लेखक संघ का [more…]