इंडियन कॉफ़ी हाउस की कहानी जबलपुर की ज़ुबानी

अप्रैल,1986 में दिल्ली से पटना गया। अगले कुछ वर्षों के लिए तब पटना ही मेरा नया बसेरा बन रहा था।…

पत्रकारिता की मूंछ और सत्ता की पूंछ

करीब पच्चीस-तीस साल की पत्रकारिता से गुजरने के बाद मैंने पाया कि सन् 2014 यानी भाजपा नीत राजग के सत्तारोहण…

जनता का गीत जनता के बीच उपजता हैः गदर

(क्रांतिकारी गीत, गायन और उसकी प्रस्तुति को एक नई ऊंचाई तक ले जाने वाले गदर ने अपने नाम से कम…

ऑपेनहाइमर: एटम बम और मौजूदा दौर में विज्ञान की भूमिका

78 साल पहले आज ही के दिन 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापान के शहर…

भगत पूरन सिंह: मानव सेवा के अमिट हस्ताक्षर  

अमृतसर संसार के नक्शे पर इसलिए भी अलहदा है कि यहां महान भगत पूरन सिंह का ‘पिंगलवाड़ा’ है। इस पिंगलवाड़े…

स्मृति दिवस:  क्या इब्राहिम अल्काज़ी के बिना आधुनिक रंगमंच का तसव्वुर किया जा सकता है?

इब्राहिम अल्काज़ी रंगमंच की दिग्गज शख़्सियत थे। उनके बिना आधुनिक भारतीय रंगमंच का तसव्वुर नहीं किया जा सकता। उन्होंने देश…

आजादी के पहले का भारत समझना है तो प्रेमचंद, आजादी के बाद का भारत समझना है तो परसाई को पढ़ें

इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने…

फिल्म ओपेनहाइमर: प्रतिभा, बलिदान और मानवता की कहानी

दूरदर्शी फिल्म निर्माता क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित ओपेनहाइमर एक संपूर्ण सिनेमाई उत्कृष्ट कृति है जो दर्शकों को इतिहास, विज्ञान और…

मोदीराज में प्रेमचंद की किताबों की सरकारी खरीद में धीरे-धीरे कटौती

फासीवादी ताकतें कई प्रणालियों में काम करती हैं। पहली, गुप्त प्रणाली यानी खामोशी से उन चीजों/शख्सियतों को दरकिनार करना जो…

जन प्रतिरोध की आवाज 67 साल से कैद अमेरिकी राजनीतिक बंदी रुचेल मागी की रिहाई के मायने

फैज़ साहब ने लिखा है  यूं ही हमेशा उलझती रही है ज़ुल्म से ख़ल्क़ न उनकी रस्म नई है, न…