क्या युद्ध ही आख़िरी रास्ता है?

तकलीफ़ से पलायन एक सहज मानवीय प्रतिक्रिया है। लेकिन अगर सच ही सबसे बड़ी तकलीफ़ हो, तो उससे आंख चुराना…

सवाल है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद क्या?

जब देश गहरी नींद में था, तब भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर सहित पाकिस्तान के पंजाब पंजाब प्रान्त में…

अमेरिकी साम्राज्यवाद को आर्थिक जवाब

अमेरिकी नेतृत्व में साम्राज्यवादी देश, ऐसे तमाम देशों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाते रहे हैं, जो उनके आदेश निर्देश को मानने…

सबसे जुड़ना.. यानी सबको खो देना!

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तीन मई को विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से फोन पर बातचीत के दौरान…

कार्ल मार्क्स : मार्क्सवादी चिंतन में जाति,धर्म,वर्ग का प्रश्न, बदलाव और उसकी चुनौतियां

कार्ल मार्क्स पर बात हम एक सवाल से शुरू करते हैं। कार्ल मार्क्स की वह कौन सी प्रस्थापनाएं हैं जो…

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अंबेडकरवाद के विरुद्ध चुनौतियां: एक विश्लेषण

प्राचीन काल से लेकर आज तक विश्व के प्रत्येक देश में ऐसे महापुरुष एवं समाज सुधारक, राजनीतिक विचारक, दार्शनिक, लेखक,  वैज्ञानिक, संत, महात्मा, राजनीतिज्ञ एवं क्रांतिकारी…

बदलते वैश्विक परिदृश्य में आज भारत किस राह पर है?

आतंकवाद का अमानवीय चेहरा और युद्ध की चीख-पुकार – पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों के कायराना हमले में 26…

राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है भारतीय मीडिया

भारतीय मीडिया खास कर टेलीविजन के राष्ट्रीय न्यूज चैनल इस वक्त अपने अल्प इतिहास में सार्वकालिक पतन के दौर से…

जाति की दीवारें गिराने के लिए पहले उन्हें गिनना ज़रूरी है- आंकड़ों में दबी आज़ादी की दस्तक

अगर किसी मुल्क की रूह पर सबसे गहरा ज़ख्म है, तो वो है- इंसानों की जबरन बनाई गई हैसियतें। वो…

 पहलगाम त्रासदी : क्या हो अमन की राह?

कश्मीर के बैसरन में 26 सैलानियों को बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया और कई अन्य घायल हुए। इस त्रासदी…