स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार को कैसे संभव बनाया जा सकता है?

वर्ष 2023 में, स्कूल अथवा कॉलेज में नामांकित 14-18 वर्ष की उम्र के मात्र 78.1% बच्चे ही ऐसे थे, जो…

लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक सत्ता-हवस और कॉर्पोरेटी धन-हवस का इलाज मतपेटी में है

यह मान लेना चाहिए कि किसानी की समस्याओं को ठीक से समझने के प्रति हमारी राज्य-व्यवस्था कभी गंभीर नहीं रही…

धर्मनिरपेक्षता पर मंडराते चौतरफा संकट के बादल!

जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी तब उसे पूरा देश ही नहीं पूरी दुनिया देख रही थी कि किन…

क्या पश्चिमी प्रभु वर्ग में पड़ गई है फूट?

टकर कार्लसन की पहचान एक धुर दक्षिणपंथी पत्रकार की रही है। उन्हें लोकप्रियता अपने धुर दक्षिणपंथी एजेंडे के लिए चर्चित…

“दिल्‍ली की ‘किलेबंदी’ से सवाल उठता है कि मोदी सरकार किसानों से इतनी डरती क्‍यों है?”

सर्दियों में आठ-दस लोग एक जगह इकट्ठे हों और गर्मागर्म चाय की चुस्कियां ले रहे हों तो ऐसे में मौजूदा…

भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को दी गई जमानत पर हाई कोर्ट की रोक मार्च तक बढ़ा दी गयी

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर याचिका के बाद भीमा कोरेगांव मामले में पत्रकार और कार्यकर्ता गौतम…

खेल-खेल में, क्या खेल हुआ! लोकतंत्र क्या, फेल हुआ!

नौवीं बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं। बिहार विधान सभा के अंदर सरकार में विश्वासमत के प्रति राजनीतिक आस्था के…

रोजी-रोजगार विमुख लाभार्थी योजना कल्याणकारी नहीं है, न सेंगोल ही संवैधानिक न्याय का प्रतीक है

सत्रहवीं लोक सभा का अवसान हो चुका है। याद करें तो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई जा चुकी है, उसकी…

विपक्ष की विफलता विकल्प की विफलता नहीं है

करीब 15 दिन पहले मैंने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र से कहा कि लोकसभा चुनाव को दो महीने भी शेष नहीं बचे हैं,…

आडवाणी जिसके रत्न हैं वह किसका भारत है?

किसी जमाने में भाजपा के शीर्ष नेता रहे और पिछले दस वर्षों से हाशिये से भी बाहर बिठा दिए गए…