कृषि कानूनों के चाहे-अनचाहे नतीजे

पलासी की निर्णायक लड़ाई में, जिसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपने पैर जमा लिए और अपना शासन…

छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था के आकाश में ऊंचा उड़ने का हौसला देने की जरूरत

गंगा किनारे एक करोड़ दीयों में इतना प्रकाश नहीं कि भटके पथिक को रास्ता दिखा दें परंतु गांव की झोपड़ी…

संविधान की कसौटी पर भी फेल हैं तीनों कृषि कानून

अगर आप को लगता है कि नया कृषि कानून केवल किसानों का ही अहित करेगा तो यह आप का भ्रम…

कृषि क़ानून और इनके ख़िलाफ़ लड़ाई के भावी परिणाम

तीनों कृषि क़ानून कृषि क्षेत्र के बलात् पूंजीवादीकरण के क़ानून हैं। इनमें किसानों के हित का लेश मात्र नहीं है…

लेखकों ने भी जाहिर की किसानों के साथ एकजुटता, कहा-जनद्रोही कृषि कानूनों को रद्द करे सरकार

(लेखकों, साहित्यकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी किसानों के आंदोलन के साथ एकजुटता जाहिर की है। इस सिलसिले में आज न्यू…

किसान अपनी मांगों पर अडिग! दूसरा दौर भी रहा बेनतीजा, 5 दिसंबर को फिर वार्ता

आज दोपहर 12 बजे से शुरू हुई 40 किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच 8 घंटे तक चली…

किसानों ने नहीं खाया सरकार का खाना, साथ ही स्पष्ट कर दिया-कानून रद्द करने के अलावा कोई चारा नहीं

किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच आज की वार्ता से खबर है कि नेताओं की ओर से…

नहीं निकला किसानों की सरकार से वार्ता का कोई नतीजा, 3 दिसंबर को फिर बैठक

केंद्र के साथ आज किसान संगठनों की वार्ता बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गयी। यह वार्ता आगे जारी…

सरकार को यह साफ करना होगा कि वह कॉरपोरेट की एजेंट है या जनता की प्रतिनिधि

तीनों कृषि कानूनों के विरुद्ध पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान, हज़ारों की संख्या में दिल्ली सीमा पर आ…

यूपी में खड़े-खड़े लुट जा रहे हैं किसान

इसी महीने गांव से लौटा हूं। चाचा बता रहे थे कि इस बार धान 900 रुपए कुंटल बेचा है। और…