Friday, March 29, 2024

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गणतंत्र दोराहे पर: 26 जनवरी के मूल्य बनाम 30 जनवरी के हत्यारे गिरोह के मंसूबे

26 जनवरी और 30 जनवरी हमारे राष्ट्रीय इतिहास की दो अहम तारीखें हैं- 26 जनवरी, हमारा गणतंत्र दिवस, उन मूल्यों की याद दिलाता है जिनके लिए आज़ादी की जंग लड़ी गयी और 30 जनवरी, जिस दिन उस ऐतिहासिक लड़ाई...

संघ-बीजेपी अंबेडकर को माला पहनाकर उनके मूल्यों पर करते हैं हमला

दिल्ली की ‘आप' सरकार में मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम से हाल में उनका इस्तीफा ले लिया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर (अशोक विजयादशमी दिवस) को दिल्ली में आयोजित बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में लगभग...

हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अंगीकार कर मैं बहुत प्रसन्न हूं: डॉ. अम्बेडकर

‘‘मैं आज बहुत ही प्रफुल्लित हूं। मैं जरूरत से ज्यादा प्रसन्न हूं। मैंने जिस क्षण हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने नर्क से मुक्ति पा ली है।" ये शब्द डॉ....

गौतम तो बहाना हैं डॉ. अम्बेडकर पर निशाना है

दिल्ली सरकार के एक दलित मंत्री का इस्तीफा सिर्फ दिल्ली तक सीमित घटना नहीं है। इसके लिए जो आधार गढ़ा गया है और मंत्री को इस्तीफ़े के लिए मजबूर करके इस आधार को जिस तरह प्रामाणिकता और स्वीकार्यता देने...

हिन्दू राष्ट्र का संविधान; निकलना भेड़ियों का अपनी मांद से 

इधर दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से मोदी अपने भाषण में डॉ अम्बेडकर का नाम ले रहे थे, महिलाओं को अवसर देने के लिए कलेजा चीर कर दिखा रहे थे, आने वाले 25 वर्ष को भारत के लिए...

नये रेडिकल विकल्प की तलाश में है बहुजन राजनीति

डा. अंबेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं। उन्होंने ही गोलमेज कांफ्रेंसों में दलितों को राजनीतिक अधिकार दिए जाने की मांग उठाई तथा गांधी जी के कड़े विरोध के बावजूद दलितों को हिंदुओं से अलग अल्पसंख्यक वर्ग का...

बीएचयू: छात्रों के हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन

बनारस। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आजकल जाति व धर्म को लेकर खूब चर्चा में है। ऐसे में तो विश्वविद्यालय के कुलगीत में बनारस को सर्वविद्या और विश्वविद्या की राजधानी अंकित किया गया है और लोग मानते भी हैं लेकिन पिछले...

अम्बेडकर को देवता बनाकर उनके सिद्धांतों को दरकिनार करने की साजिश

पिछले सालों की तरह इस साल भी विभिन्न राजनैतिक दलों और संगठनों ने 14 अप्रैल को जोर-शोर से अम्बेडकर जयंती मनाई। पिछले कुछ दशकों से लगभग सभी राजनैतिक दलों में सामाजिक न्याय के इस प्रतिबद्ध हिमायती के प्रति जबरदस्त...

भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुध्द संघर्ष के सर्वश्रेष्ठ अगुआ हैं आंबेडकर

डॉ. भीमराव आंबेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ-साथ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी थे। आंबेडकर का जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार में हुआ था। आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की...

जयंती पर विशेष:अबूझ क्यों हैं आम्बेडकर बहुतेरों के लिए 

आम्बेडकर कम्युनिस्टों के लिए ही नहीं बल्कि बहुतेरे दलितों के लिए भी अबूझ हैं।हाल कुछ उस कथा जैसी है जिसमें किसी हाथी को नेत्रहीन लोग उतना ही बूझ पाए जितना वे हाथी को स्पर्श कर सके। जिसने सूंड़ स्पर्श...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...