ambedkar
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संविधान के बाध्यकारी प्रावधानों में नहीं है समान नागरिक संहिता
पर्सनल लॉ, संविधान की समवर्ती सूची में है। इसलिए राज्यों के अनुसार इनमें भिन्नता है। इससे स्पष्ट होता है कि संविधान निर्माताओं ने भी पूरे देश में एक सा कानून लागू करना उचित नहीं समझा था। पूरे देश के...
बीच बहस
दलित स्त्री-2: आंबेडकर के आंदोलन में शामिल हुईं कई दलित स्त्रियां
इस समस्त कवायद का उद्देश्य यही है यह बात अच्छी तरह साफ़ हो कि जिसे हम भारतीय सन्दर्भ में पितृसत्ता कहते है वो केवल पितृसत्ता नहीं है वो असल में ‘ब्राह्मणीय पितृसत्ता’ है। ब्राह्मणीय पितृसत्ता ही असल में इस...
बीच बहस
दलित स्त्री-1: कुछ सवाल
भारतीय समाज एक स्तरीकृत असमानता पर आधारित समाज है और जाति नाम की संरचना इस समाज की बुनियादी और कई अर्थों में अनोखी विशेषता यानि दीर्घकालिक सातत्य (गतिहीनता नहीं) के लिए ज़िम्मेदार है। जाति पर आधारित सामाजिक संगठन की...
संस्कृति-समाज
पाठ्यक्रम में बदलाव: हिंदू-मुस्लिम साझेपन की कोई कृति संघ-भाजपा को बर्दाश्त नहीं
Janchowk -
एनसीईआरटी ने विद्यार्थियों का बोझ घटाने के नाम पर पाठ्य पुस्तकों में जो बदलाव किए, उनकी चर्चा इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र और विज्ञान की किताबों के संदर्भ में तो काफ़ी हुई, पर हिंदी की किताबों पर बात बहुत...
ज़रूरी ख़बर
बड़े पैमाने पर गैर-दलितों ने मनाई आंबेडकर जंयती; राजनीतिक मजबूरी या सामाजिक बदलाव की चाहत?
संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का 132वां जन्मदिवस 14 अप्रैल को देश भर में धूम-धाम से मनाया गया। गौर करने वाली बात यह रही कि बाबा साहेब के जन्मदिवस महोत्सव में गैर-दलितों ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी की और...
बीच बहस
सोनिया गांधी का लेख: बाबा साहेब से क्या सीखें?
Janchowk -
आधुनिक भारत के वास्तुकारों में से एक- बाबासाहेब बीआर अम्बेडकर- का जन्म आज से 132 साल पहले हुआ था। उनका उल्लेखनीय जीवन सभी भारतीयों के लिए आज भी एक स्थायी प्रेरणास्रोत है। एक मामूली पृष्ठभूमि से उठकर और गरीबी...
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‘डॉ आंबेडकर का बौद्ध बनना हिंदू धर्म के खिलाफ विद्रोह था’
Janchowk -
लखनऊ, 15 अप्रैल। डॉ बी आर आंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर पुलिस सुरक्षा के बीच सरोजिनी नगर क्षेत्र के दरोगा खेड़ा, हुल्ली खेड़ा और प्रसाद खेड़ा गांवों में इंसाफ मंच की ओर से कार्यक्रम का...
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अगर हिंदू राज हकीकत बनता है, तो वह देश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप होगा: डॉ. आंबेडकर
26 जनवरी आधुनिक भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में एक है। इसी दिन 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था और भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया गया था। हालांकि 26 नवंबर...
ज़रूरी ख़बर
कहां छूट गया समानता, स्वतंत्रता और बंधुता का बाबा साहेब का सपना?
आज देश अपने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की 132वीं जयंती मना रहा है। समानता, स्वतंत्रतता और भाईचारा के फॉर्मूले पर देश को आगे ले जाने का जो सपना उन्होंने देश को दिया था वो सपना कहीं...
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जन्मदिन पर विशेष: आज के दौर में डॉ. आंबेडकर और उनकी 22 प्रतिज्ञाओं का पुनर्पाठ
भारत में शोषितों-उत्पीड़ितों की मुखर आवाज और सच्चे लोकतंत्र के सिपाही बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर को आज एक जाति विशेष का नेता बताने की चौतरफा कोशिशें हो रही हैं। पहले भारत के मनुवादियों और फिर आजादी के बाद...
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ईवीएम से ही होगा मतदान, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की वीवीपेट पर्चियों के मिलान पर सभी याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) पर्चियों...
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