‘इंकलाब जिन्दाबाद’ बन गया व्यवस्था परिवर्तन और साम्राज्यवाद विरोध का नारा
भगत सिंह की देश भक्ति की तरह उनकी नास्तिकता भी निर्विवाद है। उन्होंने फांसी से कुछ समय पहले लिखा, मैं नास्तिक क्यों हूं। मानो यह [more…]
भगत सिंह की देश भक्ति की तरह उनकी नास्तिकता भी निर्विवाद है। उन्होंने फांसी से कुछ समय पहले लिखा, मैं नास्तिक क्यों हूं। मानो यह [more…]
पंजाब की सरजमीं ने यूं तो कई वतनपरस्तों को पैदा किया है, जिनकी जांबाजी के किस्से आज भी मुल्क के चप्पे-चप्पे में दोहराए जाते हैं, [more…]
(जनवरी, 1928 के ‘किरती में भगत सिंह ने काकोरी के शहीदों के बारे में ‘विद्रोही’ नाम से लिखा था। यह लेख ‘भगत सिंह के सम्पूर्ण [more…]
अरे! बेकार की नफरत के लिए नहीं,न सम्मान के लिए, न ही अपनी पीठ पर शाबासी के लिएबल्कि लक्ष्य की महिमा के लिए,किया जो तुमने [more…]
साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए यह एक शोध का विषय है कि ईवी रामासामी पेरियार (17 सितंबर, 1879-24 दिसंबर, 1973) के मूल लेखन का कोई [more…]
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह ने यह लेख जेल में लिखा था। यह पहली बार 27 सितम्बर 1931 को तब अविभाजित हिन्दुस्तान के उत्तरी हिस्सा के सबसे बड़े नगर, लाहौर [more…]
(भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फाँसी के बाद बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर ने एक लेख लिखा था जो ‘जनता’ में संपादकीय के तौर [more…]
जंग-ए-आज़ादी में निर्णायक मोड़ देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 23 मार्च को 89वीं पुण्यतिथि है। 23 मार्च, 1931 को बरतानिया हुकूमत ने सरकार के [more…]
भगत सिंह की शहादत के दिन वायरल होने वाली अनेक सोशल मीडिया पोस्टों को देखकर आश्चर्य से अधिक चिंता और भय उत्पन्न होते हैं। साम्प्रदायिक एकता [more…]
हवा में रहेगी मेरे ख्यालों की बिजली ये मुश्ते ए खाक है फानी रहे रहे न रहे भगत सिंह एक ऐसा नाम जो खून में [more…]