british
संस्कृति-समाज
‘हुल दिवस’ पर विशेष: आज भी बनी हुई है ‘संथाल हुल’ की प्रासंगिकता
Janchowk -
कहना ना होगा कि भारत के इतिहास में 30 जून 1855 को प्रारंभ हुआ 'संथाल हुल' भारत में प्रथम सशस्त्र जनसंघर्ष था। जिसे मार्क्सवादी दर्शन के प्रणेता कार्ल मार्क्स ने भी अपनी पुस्तक 'नोट्स ऑफ इण्डियन हिस्ट्री' में इस...
संस्कृति-समाज
आजादी की लड़ाई की क्रांतिकारी धारा के अगुवाओं में शामिल थे बिस्मिल
11 जून, अमर शहीद और भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर योद्धा राम प्रसाद बिस्मिल की जन्मतिथि है। उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में 11 जून 1897 को जन्मे, राम प्रसाद बिस्मिल, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी आंदोलन के एक...
संस्कृति-समाज
जयंती पर विशेष: आज़ादी की लड़ाई की मुकम्मल नींव थे बिस्मिल
"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है"
भारत की आज़ादी के आंदोलन में ये पंक्तियां क्रांतिकारियों का मशहूर नारा बनीं। 1921 में बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखी जोश-ओ-खरोश से लबरेज़ इन पंक्तियों ने जिस...
बीच बहस
अमर शहीद बिरसा मुंडा की विरासत
Janchowk -
अमर शहीद बिरसा मुंडा 19 वीं सदी के अंतिम दशक में हुए स्वतंत्रता आंदोलन के महान लोकनायक थे। उनका ‘उलगुलान’ (आदिवासियों का जल-जंगल-जमीन पर दावेदारी का संघर्ष) भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन ने...
ज़रूरी ख़बर
बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर विशेष : “नहीं बदली व्यवस्था, बनी हुई है उलगुलान की जरूरत”
''मैं केवल देह नहीं
मैं जंगल का पुश्तैनी दावेदार हूँ
पुश्तें और उनके दावे मरते नहीं
मैं भी मर नहीं सकता
मुझे कोई भी जंगलों से बेदखल नहीं कर सकता
उलगुलान!
उलगुलान!!
उलगुलान!!!''
'बिरसा मुंडा की याद में' शीर्षक से यह कविता आदिवासी साहित्यकार हरीराम मीणा ने...
बीच बहस
स्वास्थ्य ढांचे का विकास और महामारी कानून, जानिए पूरा इतिहास
आपात स्थितियों से निपटने के लिये कानून और कानूनी ढांचे का सुदृढ़ होना बहुत ज़रूरी होता है। महामारी भी एक आपात स्थिति है जो जनता के स्वास्थ्य को न केवल खतरा पहुंचा सकती है, बल्कि अपने व्यापक कुप्रभाव से, समाज...
बीच बहस
पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब
आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन हुआ था। संपादक थे पंडित जुगल किशोर शुकुल। इस शब्द का अर्थ है समाचार-सूर्य। यह अखबार...
ज़रूरी ख़बर
आजादी की लड़ाई में जेलें होती थीं नेहरू का दूसरा घर
सोशल मीडिया पर यह बात भी गाहे-बगाहे कही जाती है कि जवाहरलाल नेहरू को किसी नियमित जेल में नहीं बल्कि आरामदायक डाक बंगले में रखा जाता था। उन्हें ब्रिटिश सरकार विशेष सुविधा देती थी। यह बात सच नहीं है। नेहरू...
बीच बहस
दो सावरकर नहीं हैं ‘1857’ और ‘हिन्दुत्व’ के लेखक
(सावरकर को लेकर यह भ्रम प्रगतिशील समझे जाने वाले बुद्धिजीवियों में भी आम रहा है कि `हिन्दुत्व का सिद्धांतकार` अपने शुरुआती दौर में धर्मनिरपेक्ष था। यह भ्रम 1909 में आई सावरकर की पुस्तक ‘वार ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’ की बुनियाद...
ज़रूरी ख़बर
काश, हमारा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सफल हुआ होता !
1857 के characterisation पर और चाहे जो भी बहसें हों, यह तो निर्विवाद है कि यह अंग्रेजों के खिलाफ हिंदुस्तानियों की लड़ाई थी, मजहब की सीमाओं के पार। गंगा-जमनी तहज़ीब की बुनियाद पर लड़ी गई, साझी शहादत की वह...
Latest News
ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...
You must be logged in to post a comment.