Saturday, April 20, 2024

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मंदिर में दीपक और मस्जिद की शान!

बात 1991 की है। मेरे एक मुस्लिम दोस्त के बहनोई लखनऊ में सीबीआई के डीआईजी थे। एक बार उन्होंने मुझे अपने घर पर खाने को बुलाया। खाने के बाद जब वे अपना घर मुझे दिखा रहे थे तब एक...

वर्ग और जाति के बीच की केमेस्ट्री

वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डा. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले कभी...

क्या लाइलाज है इस देश में जातिवाद की बीमारी?

इस देश में आज से 70 साल पहले लागू किए गए संविधान, जिसको 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था और भारतीय राष्ट्रराज्य उसी दिन एक गणतंत्र बन गया था, में प्रथम पृष्ठ पर यह स्पष्टता से लिखा...

माईक्रो लेवल के जाति आधारित रणनीति से भाजपा लड़ेगी अगले चुनाव

भाजपा की मोदी नीत केंद्र सरकार हो या योगी नीत उत्तर प्रदेश, शिवराज नीत मध्य प्रदेश, रुपानी नीत गुजरात अथवा भाजपा की गठबंधन सरकारें हों ये गुड गवर्नेंस कर ही नहीं सकतीं क्योंकि गुड गवर्नेंस से इनके समर्थक कार्पोरेट्स, जमाखोर,...

जन्मशती पर विशेष: साहिर न होते तो फ़ासिज़्म और क़रीब होता

(साहिर, 8 मार्च 1921- 28 अक्तूबर 1980; जन्म-शती साल)    साहिर लुधियानवी की बेशुमार लोकप्रियता से रश्क और रंजिश रखने वाली अदीबों की दुनिया में एक बहस उछाली जाती रही है कि साहिर रोमेंटिक शाइर हैं या पॉलिटिकल। यह भी...

मोदी के 7 साल: उपलब्धियों के नाम पर बिग जीरो और हर मोर्चे पर नाकामियां

30 मई को मोदी के शासन काल के 7 वर्ष पूरे हो गए, प्रस्तुत है उनकी उपलब्धियों का एक संक्षिप्त आकलन  आर्थिक उपलब्धियां   गरीबी- इस बीच भारत 23 करोड़ और लोग गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिए गए। ये लोग इसके...

जाति, वर्ग और भारत की कोविड आपदा

ऑक्सीजन के लिए हांफते सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं कोविड मरीज। दिखते हैं इलाज करवाने के लिए अस्पताल में बेड ढूंढते सैकड़ों बिलखते हताश लोग। यहां तक कि मृतकों को सम्मानजनक अन्त्येष्टि तक मयस्सर न होना और उनके...

मैं खोज में हूँ!

मैं खोज में हूँ, खोज रहा हूँ अपने अंदर, अपने आस पास ‘इंसानियत’! उलझन... उलझनों को सुलझाने की युक्ति/तरकीब खोज रहा हूँ! खोज रहा हूँ सिरे ‘इंसानियत’ और शासन व्यवस्था के मौलिक बिन्दुओं के... ये दोनों ऐसे उलझे हैं...

पूंजीवाद जनसंहार का हथियार बन चुका हैः अरुंधति रॉय

(अरुंधति रॉय के कई परिचय हैं। वे बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका हैं; एक निबंधकार हैं, जिनकी नवीनतम रचना ‘आजादी’ पिछले साल ही प्रकाशित हुई है; और वे एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं। भारत में रहने वाली वह ऐसी लेखिका...

भारतीय समाज में मार्क्स से पहले सैकड़ों हजारों ज्योतिबा की जरूरत है

वैश्विक संदर्भों में कई बार ये सवाल उठता है कि आखिर भारत में इतनी असमानता और गरीबी होने के बावजूद, ये तबका वर्ग संघर्ष की कसौटी पर एकजुट क्यों नहीं हो सका? इतनी बड़ी संख्या में मजदूर और गरीब...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।