श्रम कानूनों के कमजोर पड़ने से बढ़ सकती हैं बाल श्रम और ट्रैफिकिंग की घटनाएं : स्टडी रिपोर्ट

कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) की एक स्टडी रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की गयी है कि कोरोना महामारी…

‘सेव मिडिल क्लास’ कैंपेन और कोविड-19 क्राइसिस में ईएमआई वर्ग का स्यापा

भारत का नौकरीपेशा मध्यवर्ग दक्षिणपंथी कट्टरवाद का कोर-सपोर्टर रहा है। सरकार ने एक तरह से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की नाल…

महाविपत्ति की इस बेला में निष्क्रिय क्यों है भारतीय संसद?

देश भर की सड़कों पर बिखरे दारुण दृश्यों को लेकर ‘सर्वोच्च राजनीतिक मंच’ पर कोई आवाज़ सुनायी नहीं दी है।…

कोरोना आर्थिक पैकेज में राहत की तलाश

प्रधानमंत्री ने जब राष्ट्र को 12 मई को संबोधित किया तब उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं एकदम स्पष्ट कर दी थीं। अपनी…

देश में अब इतिहास के विषय हो जाएँगे सार्वजनिक क्षेत्र! कॉरपोरेट घरानों के चरने के लिए सरकार ने खोले सभी क्षेत्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का पाँचवा और अंतिम खेप जारी करते हुए अंततः स्वीकार कर लिया कि…

21 लाख करोड़ के कोरोना पैकेज़ में सीधी राहत के लिए निकले सिर्फ़ 2 लाख करोड़!

12 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस 20 लाख करोड़ रुपये के आत्म-निर्भर पैकेज़ का ऐलान किया था, वो…

मोदी सरकार का कोरोना पैकेज़ बना पहेली, जनता के लिए ‘बूझो तो जानें’ का खेल शुरू

‘यशस्वी’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘कर्मठ’ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने पाँच दिन तक कोरोना राहत…

20 लाख करोड़ के पैकेज से भी है भुखमरी की लड़ाई!

20 लाख करोड़ का पैकेज सामने आ जाने के बाद मजदूरों का घर लौटना बंद हो जाएगा? रोजगार छिन जाने…

महामारी और लोगों की मौत को नियति मान लिया है सरकार ने!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मान लिया है और देश को भी बता दिया है कि कोरोना महामारी का स्वास्थ्य…

आख़िर क्यों वित्तमंत्री के ऐलान झुनझुने जैसे ही हैं?

ग़रीब हो या अमीर, अब तो सभी 20 लाख करोड़ रुपये के सुहाने पैकेज़ वाले झुनझुने की झंकार सुनने को…