Friday, April 19, 2024

economy

मोदी के 7 साल: उपलब्धियों के नाम पर बिग जीरो और हर मोर्चे पर नाकामियां

30 मई को मोदी के शासन काल के 7 वर्ष पूरे हो गए, प्रस्तुत है उनकी उपलब्धियों का एक संक्षिप्त आकलन  आर्थिक उपलब्धियां   गरीबी- इस बीच भारत 23 करोड़ और लोग गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिए गए। ये लोग इसके...

भयावह बेरोजगारी ला सकती है महामारी की दूसरी लहर

आर्थिकी के प्रभाव का अंदाज़ा तुरन्त नहीं होता है, बल्कि यह समय लेता है। मार्च 2020 के तीसरे हफ्ते में एक दिन का ताली थाली मार्का लॉक डाउन लगा था तो वह एक छुट्टी के उत्सव के समान लगा।...

सब बेच डालने की जगह बनाने पर ध्यान होता तो यूं न बिगड़ते हालात

उदारीकरण के दौर में जब सब कुछ निजी क्षेत्रों में सौंप दिए जाने का दौर शुरू हुआ तो उसकी शुरुआत मुक्त बाजार और लाइसेंस परमिट मुक्त उद्योगों से हुई। जो सिस्टम, धीर-धीरे ही सही, लोककल्याणकारी राज्य की अवधारणा के...

कोरोना के साये में जनता की घटती आय और संकुचित होती अर्थव्यवस्था

अमेरिका की प्रतिष्ठित थिंक टैंक पियू रिसर्च (Pew Research ) ने हाल ही में इस विषय पर शोध किया है और अपने शोध को उन्होंने भारत और चीन पर विशेष रूप से केंद्रित किया है। अब एक नज़र पियू...

सत्ता पाने पर ‘हमारे दो’ से कैसे निपटेंगे राहुल गांधी, क्या उनकी संपत्तियों का होगा राष्ट्रीयकरण?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इधर लगातार मोदी सरकार, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमलावर हैं। एक ओर वे गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के प्रति मोदी प्रेम को लेकर जहाँ हम दो हमारे दो की...

मोदी जी गरीबों का खून निकाल कर बनाएंगे 5 ट्रिलियन की इकॉनमी!

बुजुर्ग लोगों को ब्याज बहुत तंग कर रहा है। बैंक में अब ब्याज मिल नहीं रहा जिसके भरोसे कोई जीवन काट ले। एक व्यक्ति ने अपने जीवन का मोटा मोटी हिसाब बताया कि हमने रिटायर होने पर 50 लाख...

स्माल सेविंग्स स्कीमों पर यू-टर्न: पब्लिक के पैसे से कब तक छिपेगी बदहाली?

जुमले उछाल कर तालियां बटोरने और जमीन पर काम करने में बड़ा फर्क है। खुद को अर्थव्यवस्था का फन्ने खां समझने और जीडीपी को ढंग से ड्राइव करने में काफी फासला है। वेल्थ क्रिएटरों को सिर-आंखों पर बिठाने की...

हर लिहाज से गलत है सार्वजनिक संपत्तियों को बेचने का सरकार का फैसला

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कई परिसंपत्तियों का निजीकरण करने का, सिवा व्यय के लिए स्रोत जुटाने के, और कोई कारण नहीं बताया है। हमें ऐसी वित्तीय रणनीति को समझना होगा। कोई भी अपनी खपत में कमी करके सार्वजनिक क्षेत्र...

बजट: राष्ट्रीय संपदा का कॉरपोरेट को हस्तानांतरण का रोडमैप

2021-22 का बजट सामान्य रूटीन का बजट नहीं हैं, यह खुलेआम इस बात की घोषणा करता है कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास एवं संचालन निजी क्षेत्र द्वारा ही किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। यह एक...

मोदी राज में डीजल पर 820 प्रतिशत और पेट्रोल पर 258 फीसद बढ़ी एक्साइज ड्यूटी

जब से केंद्र में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से अब तक लगभग पिछले साढ़े छह साल में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 820 फीसद और पेट्रोल पर 258 प्रतिशत बढ़ाई गई है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स...

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मोदी की गारंटी: भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

मतदान की शुरुआत होने में जब महज पांच दिन बचे थे तब कहीं जाकर मौजूदा सत्ता पार्टी भाजपा ने...