जब निरंकुश सत्ताओं के लिए चुनौती बन गए व्यंग्यकार!

मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में कहते थे– “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता…

एग्जिट पोलः बिहार में ‘मोदीशाही’ से मुक्त होने पर मुहर

बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान पूरा होने पर ज्यादातर एग्जिट पोल में राष्ट्रीय जनता दल (राजग) के…

लेखक, छात्र, राजनेता, मजिस्ट्रेट और जज सभी फ़ासीवाद के खिलाफ एकजुट हों: अरुंधति रॉय

नई दिल्ली। चर्चित लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति राय ने लेखकों, छात्रों, राजनेताओं, मजिस्ट्रेटों, जजों सभी से फ़ासीवाद के खिलाफ…

पश्चिम बंगाल में बेहद दूरगामी है वाम और कांग्रेस की एकता

बंगाल में 2021 के चुनावी रण की बिसात पर वाम-कांग्रेस के गठजोड़ के साथ पहला बड़ा राजनीतिक कदम उठा लिया…

“फासीवादी ताकतों का मनोबल बढ़ाने वाला है बाबरी मस्जिद पर कोर्ट का फैसला”

(बाबरी मस्जिद संबंधी स्पेशल सीबीआई कोर्ट के फैसले पर विभिन्न दलों और संगठनों ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।…

लोकमोर्चा ने कृषि कानूनों को बताया फासीवादी हमला, बनारस के बुनकर भी उतरे किसानों के समर्थन में

बदायूं। लोकमोर्चा ने मोदी सरकार के कृषि विरोधी कानूनों को देश के किसानों पर फासीवादी हमला बताया है। संगठन ने…

फेसबुक का हिटलर प्रेम!

जुकरबर्ग के फ़ासिज़्म से प्रेम का राज़ क्या है? हिटलर के प्रतिरोध की ऐतिहासिक तस्वीर से फेसबुक को दिक्कत क्या…

फ़ासीवाद की बेड़ियां और आज़ादी का मतलब

आज़ादी के बाद जो लोग अब तक यह सोचते रहे कि चिंतन और चुनाव के लिए मनुष्य आज़ाद है और…

पतनशील हिंदू और पूंजी की संस्कृति की दुरभिसंधि: अंधकार युग की ओर बढ़ता भारत

भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब ले लेकर पश्चिम तक आरएसएस (संघ), भाजपा एंव अन्य आनुषंगिक संगठनों और…

पुनरुत्थान की बेला में परसाई को भूल गए प्रगतिशील!

हिन्दी की दुनिया में प्रचलित परिचय के लिहाज से हरिशंकर परसाई सबसे बड़े व्यंग्यकार हैं। इसमें कोई झूठ नहीं है…