विकृत आपराधिक घटनाओं के कई रूप हैं, उन्हीं में से एक भयावह रूप है एसिड अटैक। एसिड से जिस किसी…
पुण्यतिथि पर विशेष: ‘नीरज’ तो कल यहां न होगा, लेकिन उसका गीत-विधान रहेगा
‘‘कहानी बन कर जिए हैं इस जमाने में/सदियां लग जाएंगी हमें भुलाने में/आज भी होती है दुनिया पागल/जाने क्या बात…
पुण्यतिथि पर विशेष: भीष्म साहनी यानी हिन्दी का यश
11 जुलाई, प्रगतिशील और प्रतिबद्ध रचनाकार भीष्म साहनी का पुण्यतिथि दिवस है। इस मौके पर उन्हें याद करना, एक शानदार…
असद भोपाली के जन्मदिन पर विशेष: वो जब याद आये, बहुत याद आये…
उर्दू अदब और फिल्मी दुनिया में असद भोपाली एक ऐसे बदकिस्मत शायर-गीतकार हैं, जिन्हें अपने काम के मुताबिक वह शोहरत,…
हास्य अभिनेता जगदीप नहीं रहे
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता जगदीप का निधन हो गया है। वह 81 साल थे। उनका निधन उम्र से जुड़ी बीमारियों…
‘गुलाबो सिताबो’ पर क्षण भर : अंधेरे खंडहरों में बिलबिलाती जिंदगियां
आदमी की भौतिक दरिद्रता उसकी मानसिक दरिद्रता का भी कारण बनती है। वह अपने अस्तित्व के लिये ही हर प्रकार…
तानाशाही की रात, कोहरे की क़ैद और अलां रेने
तानाशाह किस हद तक बर्बर, अमानवीय और हिंसक हो सकते हैं इसके दो बड़े उदाहरण अतीत से उठाकर हम हमेशा…
ख्वाजा अहमद अब्बास : समाजवाद जिनके जीने का सहारा था
ख्वाजा अहमद अब्बास मुल्क के उन गिने चुने लेखकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने लेखन से पूरी दुनिया को मुहब्बत,…
जब मंच पर लगे ताले, तो ये कर रहे हैं थियेटर वाले
थियेटर और फिल्मों के अभिनेता-लेखक-कवि दोस्त अमितोष नागपाल की फेसबुक वॉल पर कुछ रंगकर्मियों की तरफ़ से एक कवितानुमा मार्मिक…
मजरूह सुल्तानपुरी की पुण्यतिथि: मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर…
’‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर/ लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया’’ उर्दू अदब में ऐसे बहुत…