Thursday, April 25, 2024

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जन्मदिन विशेषः हबीब तनवीर ने कह दिया था सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फिल्मों को अलविदा

आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितंबर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों...

जयंती पर विशेष: राही का मानना था- देश के राजनीतिक-आर्थिक ढांचे में बसता है सांप्रदायिकता का भूत

‘‘मेरा नाम मुसलमानों जैसा है/मुझे कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो/लेकिन मेरी रग-रग में गंगा का पानी दौड़ रहा है/मेरे लहू से चुल्लू भरकर महादेव के मुंह पर फेंको/और उस जोगी से यह कह दो/महादेव अब...

पुण्यतिथिः शिवसेना की धमकी के आगे नहीं झुके एके हंगल, फिल्में रोक दी गईं तो करने लगे थे टेलरिंग

एके हंगल के नाम का जैसे ही तसव्वुर करो, तुरंत हमारी आंखों के सामने एक ऐसी शख्सियत आ जाती है जो सौम्य, शिष्ट, सहृदय, सभ्य, गरिमामय, हंसमुख है और इस सबसे बढ़कर एक अच्छा इंसान। भला आदमी! हिंदी सिनेमा...

शकील बदायूंनी की जयंती पर विशेष: ’‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा…’’

‘‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा, कि मुहब्बतों का हूं राज़दां/मुझे फ़क्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं’’ शायर शकील बदायूंनी की गजल का यह शानदार शेर वाकई उनकी पूरी जिंदगी और फलसफे की तर्जुमानी करता है।...

व्यवस्था की कलई खोलती एसिड सर्वाइवर्स पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘ब्यूटी आफ लाइफ’

विकृत आपराधिक घटनाओं के कई रूप हैं, उन्हीं में से एक भयावह रूप है एसिड अटैक। एसिड से जिस किसी पर हमला होता है, उसकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है। एसिड अटैक के सर्वाइवर्स पर आशीष कुमार की...

पुण्यतिथि पर विशेष: ‘नीरज’ तो कल यहां न होगा, लेकिन उसका गीत-विधान रहेगा

‘‘कहानी बन कर जिए हैं इस जमाने में/सदियां लग जाएंगी हमें भुलाने में/आज भी होती है दुनिया पागल/जाने क्या बात है नीरज के गुनगुनाने में।’’ इन बेमिसाल पंक्तियों के गीतकार, कवि गोपाल दास ‘नीरज‘ उस कवि सम्मेलन परम्परा के...

पुण्यतिथि पर विशेष: भीष्म साहनी यानी हिन्दी का यश

11 जुलाई, प्रगतिशील और प्रतिबद्ध रचनाकार भीष्म साहनी का पुण्यतिथि दिवस है। इस मौके पर उन्हें याद करना, एक शानदार और पायदार परम्परा को याद करना है। वे एक अच्छे रचनाकार के अलावा कुशल संगठनकर्ता भी थे। प्रगतिशील लेखक...

असद भोपाली के जन्मदिन पर विशेष: वो जब याद आये, बहुत याद आये…

उर्दू अदब और फिल्मी दुनिया में असद भोपाली एक ऐसे बदकिस्मत शायर-गीतकार हैं, जिन्हें अपने काम के मुताबिक वह शोहरत, मान-सम्मान और मुकाम हासिल नहीं हुआ, जिसके कि वे वास्तविक हकदार थे। साल 1949 से लेकर साल 1990 तक...

हास्य अभिनेता जगदीप नहीं रहे

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता जगदीप का निधन हो गया है। वह 81 साल थे। उनका निधन उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते हुआ है। उनका असली नाम सैय्यद इश्तियाक अहमद जाफरी था।  हिंदी सिनेमा प्रेमी उन्हें जीवन भर उनके शोले...

‘गुलाबो सिताबो’ पर क्षण भर : अंधेरे खंडहरों में बिलबिलाती जिंदगियां

आदमी की भौतिक दरिद्रता उसकी मानसिक दरिद्रता का भी कारण बनती है। वह अपने अस्तित्व के लिये ही हर प्रकार की लूट-खसोट, कमीनेपन की मानसिकता का शिकार होता है, छोटी-छोटी चालाकियों में ही पूरा जीवन व्यतीत कर देता है...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...