सत्येंद्र पीएस
ज़रूरी ख़बर
जन्मदिन पर विशेष: कांशीराम ने दिया बहुजन राजनीति को आसमानी फलक
कांशीराम (15 मार्च, 1934 से 9 अक्तूबर 2006) संघर्षों के माध्यम से सामाजिक संगठन खड़ा करने की जीती जागती मिसाल हैं। भारतीय इतिहास में उनका अलग स्थान है, जिन्होंने अंबेडकर, फुले, शाहू जी, गाडगे, पेरियार जैसे दर्जनों विचारकों व...
ज़रूरी ख़बर
अन्य पिछड़े वर्ग के लिए बड़ी लड़ाइयां लड़ने वाले पासवान को कभी नहीं मिला पिछड़ों का साथ
1989 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में जनता दल ने पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह) ने किसान नेता देवीलाल को मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू...
लेखक
कविता संग्रह नहीं, अवाम की लाचारी का दस्तावेज है ‘अंबर में अबाबील’
हिंदी के लोकप्रिय और वैश्विक रूप से चर्चित कवि उदय प्रकाश का वाणी प्रकाशन से प्रकाशित कविता संग्रह 'अंबर में अबाबील' चर्चा में है। उदय प्रकाश ऐसे कवि और लेखक हैं, जो भारत के एक अत्यंत पिछड़े कस्बे से...
बीच बहस
मंडल कमीशन के आईने में असमानता के खिलाफ जंग और मौजूदा स्थिति
विश्व के किसी भी असमानता वाले देश में स्वघोषित आरक्षण होता है। ऐसे समाजों में कुछ तबके ऐसे होते हैं जो उस स्वघोषित आरक्षण का लाभ उठाते हैं। अगर इस स्वतःस्फूर्त आरक्षण को सकारात्मक कार्रवाई कर सदियों से मलाई...
संस्कृति-समाज
व्यवस्था की कलई खोलती एसिड सर्वाइवर्स पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘ब्यूटी आफ लाइफ’
विकृत आपराधिक घटनाओं के कई रूप हैं, उन्हीं में से एक भयावह रूप है एसिड अटैक। एसिड से जिस किसी पर हमला होता है, उसकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है। एसिड अटैक के सर्वाइवर्स पर आशीष कुमार की...
संस्कृति-समाज
जन्मदिन पर विशेष: भारत का इतिहास गढ़ने वाले राजनेता लालू प्रसाद का ऐसा था बचपन
जिस धज से कोई मक़्तल में गया वो शान सलामत रहती है
ये जान तो आनी- जानी है, इस जाँ की तो कोई बात नहीं ।
फैज अहमद फैज की इन पंक्तियों से जिंदगी और संघर्षों का हौसला लेने वाले लालू प्रसाद इस समय जेल में हैं। एक ऐसा व्यक्ति, जो हमेशा सामंतवादी, जातिवादी और सत्ता पर काबिज लोगों के निशाने पर...
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पश्चिम बंगाल में दीदी ने कहा-‘आमी एकला लड़बो’
कोलकाता। दीदी ने कह दिया आमी एकला लड़बो, यानी वे अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। इस तरह इंडिया गठबंधन...