Thursday, April 25, 2024

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कांशीराम के राजनीतिक प्रयोग के मायने

पहचान व्यक्तित्व का एक ऐसा जरूरी हिस्सा है जो न सिर्फ हमारी लोकेशन को निर्धारित करता है बल्कि हमारे लिए ढेर सारे सकारात्मक और नकारात्मक अवसरों को भी उत्पन्न करता है। यह राष्ट्रीय, भाषाई, क्षेत्रीय,धार्मिक और जातीय किसी भी...

एक बार फिर मण्डल बनाम कमण्डल!

उत्तर प्रदेश में हर रोज राजनैतिक भूचाल के झटके लग रहे हैं। बहुजन विमर्श, जिसे विगत वर्षों में आखेट कर लिया गया था, एक बार फिर चर्चा में आ चुका है। मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे आ रहे हैं।...

धर्म की अफीम चटाकर, ओबीसी लोकतांत्रिक क्रांति को आरएसएस ने कैसे रोका

डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में दलित लोकतांत्रिक क्रांति के बाद यदि भारत में ब्राह्मणवाद की कब्र खोदने वाली कोई लोकतांत्रिक क्रांति हो सकती थी, तो वह थी- ओबीसी क्रांति (शूद्र क्रांति)। यदि दलित लोकतांत्रिक क्रांति के बाद ओबीसी लोकतांत्रिक...

जाति जनगणना आखिर क्यों है जरूरी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर समाजवादी नेता लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर एक ट्वीट किया जो सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, "अगर 2021 जनगणना...

जन्मदिन पर विशेष: लालू यादव को समझने के लिए नज़र नहीं, नज़रिये की ज़रूरत

लालू प्रसाद यादव 10 मार्च 1990 को जब गांधी मैदान के जेपी की प्रतिमा के नीचे से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने तत्कालीन आवास पटना के वेटनरी कॉलेज के सर्वेंट क्वार्टर में लौट कर आए तो घर के...

सामाजिक न्याय के आईने में बिहार की बदलती राजनीति

बिहार चुनाव के बाद नई सरकार बन चुकी है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन सत्ता से कुछ कदम पीछे रह गया। भाजपा ने ताकत बढ़ा ली है, नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन बड़े भाई की...

अन्य पिछड़े वर्ग के लिए बड़ी लड़ाइयां लड़ने वाले पासवान को कभी नहीं मिला पिछड़ों का साथ

1989 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में जनता दल ने पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह) ने किसान नेता देवीलाल को मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू...

सोशल मीडिया से नहीं चलेगा काम, तोड़नी होगी जमीन

भारतीय राजनीति आज एक संकट से गुजर रही है। संसद से सड़क तक भविष्य को लेकर एक बेचैनी मौजूद है। वामपंथी संसदीय राजनीति हाशिए पर आ चुकी है। 2014 और 2019 के चुनावों ने संसदीय वामपंथ को मुख्यधारा की...

राष्ट्र निर्माण का दस्तावेज है मंडल आयोग की रिपोर्ट

बी.पी. मंडल का जन्म 25 अगस्त,1918 को हुआ। वे जमींदार पृष्ठभूमि से आते थे। लेकिन जमींदारी को बनाये रखने के लिए काम नहीं किया। यहां तक कि उनकी अध्यक्षता में दूसरे पिछड़े वर्ग आयोग(मंडल कमीशन) ने भूमि सुधार की...

मंडल कमीशन के आईने में असमानता के खिलाफ जंग और मौजूदा स्थिति

विश्व के किसी भी असमानता वाले देश में स्वघोषित आरक्षण होता है। ऐसे समाजों में कुछ तबके ऐसे होते हैं जो उस स्वघोषित आरक्षण का लाभ उठाते हैं। अगर इस स्वतःस्फूर्त आरक्षण को सकारात्मक कार्रवाई कर सदियों से मलाई...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...