लखनऊ/पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने डॉ. बी आर अम्बेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस पर सोमवार को यहां हजरतगंज चौराहा स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज के...
मैं इन बातों को लिखने की सोच रहा हूं क्योंकि हर दिन आपके और आपके प्रिय विचारों के खिलाफ मिथ्या अभियान चलाए जाते हुए देखता हूं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जो कोई भी भारत को समझना...
हमारे देश के कुछ संगठन, विशेषकर संघ परिवार के सदस्य, जब भी सरदार वल्लभभाई पटेल की चर्चा करते हैं तब उनके बारे में दो बातें अवश्य कहते हैं। पहली यह कि सरदार पटेल आज के भारत के निर्माता हैं...
राजनीति निर्मम होती है। बेहद लोकप्रिय, सरल और सौम्य व्यक्ति भी कब आक्षेपों के थपेड़े में आ जाय कहा नहीं जा सकता है। 31 अक्टूबर 1984 को जब इंदिरा गांधी की अपने ही अतिसुरक्षित आवास में अपने ही सुरक्षा...
औपनिवेशिक शासन से भारत की मुक्ति के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वाधीनता आंदोलन के नेताओं के सपनों और आकांक्षाओं का अत्यंत सारगर्भित वर्णन अपने प्रसिद्ध भाषण 'ए ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी' में किया था। उन्होंने कहा...
विश्व के किसी भी असमानता वाले देश में स्वघोषित आरक्षण होता है। ऐसे समाजों में कुछ तबके ऐसे होते हैं जो उस स्वघोषित आरक्षण का लाभ उठाते हैं। अगर इस स्वतःस्फूर्त आरक्षण को सकारात्मक कार्रवाई कर सदियों से मलाई...
आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितम्बर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों...